Monday, September 1, 2025
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बाढ़ बचाव कार्यों को लेकर रोहतक प्रशासन अलर्ट; हर एसडीएम कार्यालय पर क्रियाशील रहेगा कंट्रोल रूम

रोहतक : उपायुक्त एवं जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण रोहतक के अध्यक्ष सचिन गुप्ता ने जल भराव, बाढ़ और इससे संबंधित चुनौतियों का प्रभावी प्रबंधन करने के लिए सख्त हिदायतें जारी की है।
उपायुक्त द्वारा जारी किए गए आदेशों में संसाधनों को लेकर सभी विभागाध्यक्षों, अधीक्षण अभियंताओं व कार्यकारी अभियंताओं की व्यक्तिगत जिम्मेदारी निर्धारित की गई है। लापरवाही, देरी अथवा ढिलाई के लिए संबंधित विभागाध्यक्ष जवाबदेह होगा और उसके खिलाफ सख्त विभागीय कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
सभी विभागाध्यक्षों समेत अधीक्षण अभियंताओं व कार्यकारी अभियंताओं को निर्देश दिए गए हैं कि व मशीनरी, विभागीय संसाधनों की तैनाती, संचालन व प्रदर्शन को सुनिश्चित करें। आदेशों में कहा गया है कि जल भराव, बाढ़ और वर्षा जल निकासी की निरंतर निगरानी अनिवार्य है। अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि कोई भी क्षेत्र उपेक्षित ना रहे। सभी एसडीएम को निर्देश दिए गए हैं कि वे संवेदनशील बिंदुओं की व्यक्तिगत रूप से निगरानी करेंगे। वे यह सुनिश्चित करेंगे की सभी सार्वजनिक, स्वास्थ्य, सिंचाई, लोक निर्माण विभाग, नगर निकाय, पंचायत और अन्य विभागों का स्टाफ स्पष्ट जिम्मेदारी के साथ अपनी अपनी ड्यूटी पर तैनात रहे।
सभी वरिष्ठ अधिकारी नियमित रूप से फील्ड निरीक्षण करेंगे। इंजीनियरिंग विभाग के सभी अधिकारी और कर्मचारी पूर्ण जनशक्ति और मशीनरी के साथ अपने स्टेशन पर उपस्थित रहेंगे। इन अधिकारियों को स्थानीय नागरिकों और जनप्रतिनिधियों से निरंतर संवाद बनाए रखने के भी निर्देश दिए हैं ताकि किसी भी स्थिति पर तुरंत कार्रवाई की जा सके।
उपायुक्त सचिन गुप्ता ने बताया कि जिला के प्रत्येक एसडीएम के कार्यालय पर 24 घंटे कंट्रोल रूम संचालित रहेगा। इसके अलावा जिला स्तर पर जिला राजस्व अधिकारी द्वारा नियंत्रण कक्ष संचालित किया जाएगा। इन सभी नियंत्रण कक्षों में समन्वय, संचार और त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। जिला स्तर पर लघु सचिवालय में बाढ़ शाखा कमरा नंबर 102 में स्थापित है और यहां के कंट्रोल रूम के फोन नंबर 01262-230401 पर कोई भी नागरिक जल भराव की सूचना दे सकता है। सभी एसडीएम व जिला राजस्व अधिकारी को सभी विभागों के साथ तालमेल बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं।
सचिन गुप्ता द्वारा जारी किए गए आदेशों में यह भी कहा गया है कि जल भराव के क्षेत्र में की गई कार्रवाई, चिन्हित बिंदुओं पर अधिकारियों और कर्मचारियों की तैनाती और संसाधनों की स्थिति से संबंधित रोजाना रिपोर्ट संबंधित एसडीएम कार्यालय को करनी होगी। रिपोर्ट में देरी को गंभीर लापरवाही माना जाएगा। अधिकारियों और कर्मचारियों को बिना सक्षम प्राधिकारी की पूर्व अनुमति के स्टेशन छोडऩे की अनुमति नहीं होगी।
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