रोहतक। नौतपा शुरू हो चुका है और ऐसे में लोग भीषण गर्मी का सामना कर रहे हैं। तापमान इतना ज्यादा है कि लोगों को हीट स्ट्रोक का खतरा बढ़ चुका है। इस गर्मी ने बच्चों और बुजुर्गों की परेशानियां बढ़ा दी हैं। पीजीआईएमएस और नागरिक अस्पताल के साथ-साथ शहर के प्राइवेट अस्पताल और क्लीनिकों पर चार-पांच दिन से बीमार बच्चों और बुजुर्गों की संख्या बढ़ने लगी है। सबसे अधिक संख्या बढ़ती गर्मी की वजह से बीमार हो रहे बच्चों की है। अस्पतालों में अब उल्टी- दस्त के सबसे ज्यादा मरीज सामने आ रहे है। चिकित्सकों ने अभिभावकों को गर्मी के मौसम में बच्चों की विशेष देखभाल करने की सलाह दी है।
हीट स्ट्रोक बानी लू लगने का खतरा सबसे अधिक
रोहतक में अधिकतम तापमान 46 डिग्री तक जा रहा है। सूरज की तपिश बढ़ने से दोपहर के समय तेज गर्म हवा चलती है। इससे हीट स्ट्रोक बानी लू लगने का खतरा सबसे अधिक रहता है जो जानलेवा भी साबित हो सकता है। डायरिया, टाइफाइड, त्वचा संक्रमण होने की भी आशंका रहती है और साथ मरीज के शरीर का तापमान अचानक 104 डिग्री फारेनहाइट से ऊपर पहुंच जाता है, मरीज में बेहोशी और गफलत होने लगती है, शरीर तेज गर्म और लाल हो जाता है, मरीज को चक्कर आने लगते हैं। लू लगने से बुखार, त्वचा का लाल पाड़ना, रुखा होना, गर्म होना, नाड़ी का तेज चलना, चक्कर आना, सिरदर्द होना, जी मिचलाना, घबराहट होना, पसीना अधिक आना, बेहोश होना आदि शामिल है।
बच्चे व बुजुर्गों का रखें खास ख्याल
डॉक्टरों ने गर्मी व लू से बचने के लिए लोगों को धूप में न निकलने की सलाह दी है। अगर किसी कारणवश धूप में जाना पड़े तो शरीर के मुख्य अंगों को पानी से भीगे कपड़े से ढककर निकलने की सलाह दी है। वहीँ यह भी कहा है कि बच्चों व बुजुर्गों को तेज धूप में निकलने से परहेज करना चाहिए। धूप से बचने के लिए छाते का प्रयोग करें। सिर व चेहरा कपड़े से ढका होना चाहिए। पर्याप्त मात्रा में पानी व जूस का इस्तेमाल करना चाहिए। कपड़े ढीले पहनना चाहिए। धूप से आंखों के बचाव के लिए काले चश्मे का इस्तेमाल कर सकते हैं।
हीट स्ट्रोक के लक्षण
तेज धूप लगने पर शरीर में पानी की कमी हीट एक्जर्शन महसूस होने लगती है। इस वजह से प्यास बहुत लगती है। सिरदर्द शुरू हो जाता है। इसके अलावा उल्टी, चक्कर आना, बुखार व पसीना अधिक आना इसके लक्षण हैं। कई लोग गर्मी की वजह से बेहोश हो जाते है। अधिक देर तक लू में रहने पर शरीर से पसीना आना बिल्कुल बंद हो जाता है। यह खतरे की घंटी है। यदि पसीना आना बंद हो जाए तो समझ ले, यह हीट स्ट्रोक का लक्षण है। इससे किडनी, लिवर जैसे महत्वपूर्ण अंग खराब हो सकते हैं यानी यह जानलेवा साचित हो सकता है। लू लगने पर तुरत अस्पताल जाना चाहिए।
एसी से निकलकर बाहर जाने से बचें
एसी से निकलकर अचानक वाहर जाने से बचें। ऐसा करने से शरीर को अपने तापमान में संतुलन बनाए रखने में दिक्कत आती है, इसलिए जुकाम शुरू हो सकता है और स्वास्थ्य बिगड़ सकता है। धूप या बाहर से आकर कई लोग तुरंत फ्रिज का ठंडा पानी पी लेते है। इससे सर्दी जुकाम हो सकता है। धूप से आने के बाद कुार देर बैठकर शरीर को ठंडा होने देना चाहिए। इसके बाद पानी पीना अच्छा होता है।
ठंडे पानी में करें स्नान
तेज धूप के कारण लू चल रही है और फिर बुखार आ रहा है तो खुद से पैरासिटामोल नहीं लेना चाहिए। यह लिवर व किडनी के लिए काफी खतरनाक हो सकता है। दिन में कई बार ठंडे पानी से स्नान कर सकते हैं। गर्मी में मौसमी फलों तरबूज, खरबूजा, आम, लीची आदि में पानी की मात्रा अधिक होती है। इन दिनों मौसमी फलों, खीरा, ककड़ी का इस्तेमाल अधिक करना चाहिए।
बाहर निकलने पर गीला कपडा सिर पर रखें
पीजीआई की सीनियर डाइटीशियन पूनम का कहना है कि भीषण गर्मी से बचने के लिए सूती कपड़े जरूर पहनें और थोड़ी-थोड़ी देर में पानी पीएं। हीट स्ट्रोक की चपेट में आ जाए तो गीला कपड़ा लेकर सिर पर जरूर रखे। इससे शरीर का तापमान सामान्य रहेगा। लू लगने पर बर्फ को हथेली और तलुओं पर रगड़े और मुंह पर ठंडे पानी की छींटे मारे। इससे शरीर का बढ़ा हुआ तापमान कम हो पाएगा।