गुरुवार को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने “भारत में बैंकिंग की प्रवृत्ति और प्रगति पर रिपोर्ट 2023-24” जारी की, जिसमें बताया गया कि चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में बैंक धोखाधड़ी के मामलों में भारी वृद्धि देखी गई है। रिपोर्ट के अनुसार, अप्रैल से सितंबर 2023 के बीच बैंक धोखाधड़ी के 18,461 मामले सामने आए, जिनमें धोखाधड़ी की गई राशि 21,367 करोड़ रुपये थी। यह राशि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में रिपोर्ट किए गए 2,623 करोड़ रुपये के मुकाबले आठ गुना ज्यादा है।
हालांकि, रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया कि बैंकों की लाभप्रदता में लगातार छठे वर्ष सुधार हुआ है और उनका सकल गैर-निष्पादित संपत्ति (GNPA) अनुपात घटकर 13 साल के निचले स्तर 2.7% पर पहुंच गया। यह भारत के मजबूत मैक्रोइकॉनोमिक फंडामेंटल्स की वजह से हुआ है, जिन्होंने घरेलू बैंकिंग और गैर-बैंकिंग वित्तीय क्षेत्रों की सुदृढ़ता को बढ़ावा दिया है।
आरबीआई के आंकड़ों के मुताबिक, 2023-24 में बैंकों का शुद्ध लाभ 32.8% बढ़कर 3,49,603 करोड़ रुपये हो गया। इसके अलावा, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) ने भी दोहरे अंकों में ऋण वृद्धि हासिल की और उनकी परिसंपत्ति गुणवत्ता में सुधार हुआ। सितंबर 2024 के अंत तक, NBFC का GNPA अनुपात घटकर 3.4% हो गया।
इस रिपोर्ट से स्पष्ट होता है कि जहां एक ओर बैंक धोखाधड़ी में वृद्धि हुई है, वहीं दूसरी ओर भारतीय बैंकिंग क्षेत्र की लाभप्रदता और परिसंपत्ति गुणवत्ता में सुधार हुआ है।