चंडीगढ़। हरियाणा में राशन डिपो संचालकों ने आज से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है। दरअसल हरियाणा के डिपो होल्डर सरकार द्वारा पहली अगस्त, 2022 को जारी किए गए नये नियमों से आहत हैं। उनका कहना है कि नये नियमों से उनके हितों और अधिकारों का हनन होगा। हालांकि सरकार ने 200 रुपये प्रति क्विंटल मार्जन मनी में बढ़ोतरी की है, लेकिन इस फैसले से राशन डिपो और कार्डधारकों की छीनाझपटी बढ़ने की संभावना बढ़ गई है।
आफ फेयर प्राइस शाप डीलर्स फेडरेशन ने राष्ट्रव्यापी हड़ताल का समर्थन किया है। फेडरेशन नेताओं का कहना है कि सरकार ने 200 रुपये प्रति क्विंटल मार्जन मनी में बढ़ोतरी की है, लेकिन इस फैसले से राशन डिपो और कार्डधारकों में टकराव बढ़ेगा। 300 राशन कार्ड की अनुचित शर्त लगाकर सरकार रोजगार को खत्म करने की कोशिश कर रही है। डिपोधारक के लिए 60 वर्ष की आयु सीमा अन्य राज्य की तर्ज पर पूरी तरह से हटाई जाए।
डिपो संचालकों की मांग है कि राशन वितरण के दौरान कम से कम दो प्रतिशत घटती (हेंडलिंग लास और शार्टेज) दिया जाए तथा फिजिकल वेरिफिकेशन के दौरान पांच क्विंटल तक राशन कम या ज्यादा पाए जाने पर राशन पूरा करने की अनुमति दी जाए। लेवी चीनी में पूर्व में दी जाने वाली 400 रुपये प्रति क्विंटल घटती को पुन: बहाल किया जाए।राशन वितरण सेवाकाल और कोरोना काल में जान गंवाने वाले डिपोधारकों के परिवार के सदस्य को अनुकंपा (पीडीएस नियंत्रण आदेश-2002) के आधार पर राशन डिपो की दुकान अलाट की जाए। कोरोना काल में जिन डिपोधारकों ने अपनी जान गंवाई है, उनके आश्रितों को राजस्थान सरकार की तर्ज पर 50 लाख रुपये की आर्थिक मदद दी जाए।
वहीं, महिला एवं बाल विकास विभाग के कर्मियों एवं अधिकारियों ने मांगों को लेकर आंदोलन का बिगुल बजा दिया है। रविवार को ऑनलाइन आयोजित सर्व सम्मति से निर्णय लिया गया कि आठ जनवरी को पंचकूला निदेशालय पर धरना एवं प्रदर्शन किया जाएगा। इस प्रदर्शन में आइसीडीएस सुपरवाइजर्स वेलफेयर एसोसिएशन हरियाणा, मिनिस्ट्रीयल स्टाफ एसोसिएशन हरियाणा एवं आइसीडीएस आफिसर्स वेलफेयर एसोसिएशन हरियाणा से जुड़े कर्मचारी एवं अधिकारी शामिल होंगे।