Sunday, November 24, 2024
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किसान आंदोलन पर राकेश टिकैत ने भरी हुंकार, बोले -पहले की तरह चारों तरफ से घेरी जाएगी दिल्ली

चंडीगढ़ में SKM की अहम बैठक, राकेश टिकैत बोले- सभी किसानों को इकट्ठा होने की जरूरत है। टिकैत ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा- पंजाब को बदनाम करने की साजिश, सभी फसलों पर MSP गारंटी की मांग

चंडीगढ़। किसान आंदोलन पर भारतीय किसान यूनियन की अहम बैठक हो रही है। उससे पहले किसान नेता राकेश टिकैत ने दिल्ली घेराव का बड़ा ऐलान कर दिया है। राकेश टिकैत ने कहा है गुरुवार की मीटिंग में जो तय होगा, उसके आधार पर आगे की रणनीति बनाई जाएगी। हालांकि गन्ने की कीमत बढ़ाने के ऐलान पर राकेश टिकैत ने कहा कि इससे पूरे देश को फायदा होगा लेकिन इसी के साथ उन्होंने ये भी कहा कि यह लड़ाई लंबी है, एक मोर्चे की नहीं है। जैसे पहले दिल्ली को चारों और से घेरा गया था, वैसे ही अब फिर से घेरने का समय आ गया है। उन्होंने कहा कि आखिर सरकार कितने समय बाद मानती है, ये देखना होगा।

चंडीगढ़ पहुंचे किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि पूरे देश के किसानों को एकजुट रहना होगा। यह अंदोलन एक किसान का नहीं है, इसे अकेला नहीं लड़ना चाहिए। हम सभी किसानों को इकट्ठा होना चाहिए। राकेश टिकैत ने कहा कि पंजाब के किसानों को एक होना चाहिए, सभी को एक साथ मिलकर काम करना चाहिए। इसी के साथ राकेश टिकैत ने कहा कि आंदोलन में किसी प्रकार की हिंसा नहीं होनी चाहिए। उन्होंने हरियाणा सरकार के रुख पर भी हमला बोला और कहा कि सरकार जिस तरह से किसानों के साथ अत्याचार कर रही है, वो गलत है।

पंजाब को बदनाम करने की साजिश

राकेश टिकैत ने कहा “किसान आंदोलन को लेकर जो स्थिति बनाई जा रही हैं, वह पंजाब को बदनाम करने की साजिश है। पंजाब को बदनाम करेंगे तो सिख समाज बदनाम होगा और सिख समाज बदनाम होगा तो किसान बदनाम होगा। इस तरह की साजिश और रची जा रही है। किसान दिल्ली जा रहा है उसे पता है कि कहां रुकना है। वह कोई संसद के अंदर नहीं जा रहा है, वह दिल्ली की सीमाओं पर जाएगा। यह संघर्ष कोई हरियाणा के खिलाफ नहीं है। क्या पंजाब देश का हिस्सा नहीं है। पंजाब देश का हिस्सा है, अगर यहां के किसान दिल्ली जाना चाहते हैं तो उन्हें जाने देना चाहिए।”

MSP गारंटी की मांग

देश के सभी किसान संगठनों को एक साथ होने पर राकेश टिकैत ने कहा कि सभी को एक साथ होना चाहिए। हमने पहले भी कोशिश की थी कि सभी किसान संगठन एक साथ हो। पंजाब के जितने किसान संगठन हैं वे एक हों। एमएसपी पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि पूरे देश का किसान एमएसपी की गारंटी चाहता है और सभी लोग इसके लिए संघर्ष कर रहे हैं। एमएसपी गारंटी कानून पूरा देश चाहता है। केंद्र सरकार पंजाब के किसानों को पांच फसलों पर एमएसपी की गारंटी दे रही थी, इस पर उन्होंने कहा कि वह कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग है। एमएसपी की गारंटी नहीं है। केंद्र सरकार ने पांचवें दौर की बातचीत के लिए किसानों को बुलाया, इस सवाल के जवाब में राकेश टिकैत ने कहा कि सभी किसान जत्थेबंदियों को बातचीत करनी चाहिए। बातचीत के जरिए ही इसका समाधान होगा।

पूरा देश गन्ना नहीं उगाता

उधर उत्तर प्रदेश के किसान नेताओं के संगठन ने प्रेस कांफ्रेंस करके गन्ने की कीमत बढ़ाने के सरकार के फैसले को किसानों के मिशन को भटकाने वाला बताया है। उन्होंने कहा कि यह एक प्रकार से डायवर्ट करने का तरीका है, पूरा देश गन्ना नहीं लगाता है। हमारी मांग C2+ 50% की मांग है। किसानों का सालों का बकाया है, सरकार उस पर ध्यान दें। हम अपनी इस मांग पर अड़े हैं।

दुश्मनों जैसा सलूक ना करे सरकार

उधर किसान नेता बलदेव सिंह जीरा ने कहा कि हम खनौरी जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम पीड़ित किसान परिवारों से मुलाकात करेंगे, उनकी पीड़ा सुनेंगे और उसके बाद आगे का फैसला होगा। उन्होंने कहा कि सरकार हमारे साथ वैसा व्यवहार कर रही है जैसे दुश्मनों के साथ सलूक किया जाता है। उन्होंने ये भी कहा कि किसानों के साथ हो रहे अन्याय के सवालों का जवाब पंजाब सरकार को भी देना होगा।

पंजाब सरकार पर किसान नेता का आरोप

किसान नेता सरवन सिंह पंढेर का कहना है, ”जिस तरह से केंद्र ने हमारे क्षेत्र में घुसकर हमला किया, हमारे वाहनों में तोड़फोड़ की, पंजाब सरकार को उनके खिलाफ 302 का मामला दर्ज करना चाहिए। हमारे पास सबूत हैं कि बुधवार को पंजाब सरकार ने हमारा ‘लंगर’ बंद कर दिया और धरना स्थल पर आ रहे वाहनों को रोक दिया। पंजाब सरकार को अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए कि हमारे बारे में उनका क्या रुख है।”

किसान आंदोलन को लेकर हाईकोर्ट में एक और याचिका दाखिल

किसान आंदोलन को लेकर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में एक और जनहित याचिका हुई दाखिल की गई है। अब पंचकूला के वकील अनिल कुमार ने याचिका दाखिल की है। याचिका में कहा गया है, शंभू और खनौरी बॉर्डर पर हालात बेहद तनावपूर्ण हैं। भारी संख्या में मोडिफाई ट्रैक्टर, ट्रॉली और पोकलेन मशीनों के जरिए आंदोलनकारी दिल्ली जाने की कोशिश कर रहे हैं। यह न सिर्फ कानून व्यवस्था बल्कि आम लोगों की सुरक्षा के लिए खतरनाक है। भारी मशीनें वहां प्रदर्शन कर रहे किसानों के लिए भी परेशानी का सबब बन सकती हैं। हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि सभी आंदोलनकारियों को प्रदर्शन के लिए तय की गई जगहों पर ही प्रदर्शन करने के दिए जाएं। हाईकोर्ट ने कहा है कि 29 फरवरी को याचिका पर सुनवाई की जाएगी।

शाहाबाद राष्ट्रीय राजमार्ग- 44 जाम

किसान आंदोलन के दौरान बुधवार, 21 फरवरी को खनौरी बॉर्डर पर एक युवक की कथित मौत के बाद से किसानों में भारी आक्रोश है। वहीं चढूनी ग्रुप ने शाहाबाद राष्ट्रीय राजमार्ग-44 को जाम कर दिया। राकेश बैंस भाकियू चढूनी प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि चढूनी ग्रुप के द्वारा शुक्रवार, 23 फरवरी को बैठक कर आगामी आंदोलन में कैसे सहयोग करना है उसका फैसला लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हम सब किसान संगठन को एक जुट होकर चलना होगा, तभी हम जीत हासिल कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि किसान अपनी जायज मांगों को लेकर शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन पुलिस के द्वारा उनके ऊपर गोली चलाई गई।

किसानों के साथ हुई हैं सार्थक बातें

किसानों के दिल्ली कूच को लेकर केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा है, “मैं कहना चाहूंगा कि किसानों के साथ कई दौर की बातचीत में सार्थक बातें हुई हैं। लेकिन अभी और मेहनत करनी होगी। दोनों पक्षों के बीच कुछ मुद्दों पर सहमति बनी। भारत सरकार किसानों के हित के लिए काम करने के लिए प्रतिबद्ध है और वह ऐसा कर रही है। किसानों के मुद्दे पर किसान संगठनों के साथ कई दौर की चर्चा हो चुकी है। हमने उनसे कहा है कि हम चर्चा के जरिए समाधान निकालेंगे क्योंकि बातचीत से ही मुद्दे सुलझते हैं। हमें मिलकर समाधान निकालना चाहिए और यह सभी के लिए फायदेमंद भी है। मुझे उम्मीद है कि हम मिलकर इसका समाधान निकाल लेंगे।”

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