Rajasthan Weather Update: राजस्थान में भारी बारिश का दौर चल रहा है। इस मानसून में प्रदेशभर में हो रही अच्छी वर्षा से बांध और जलाशय लबालब होकर छलकने लगे हैं। अब तक राज्य के कुल 226 बांध पूरी तरह भर गए हैं या ओवरफ्लो हो गए हैं। वहीं मौसम विभाग ने कई जिलों में 29 से 31 जुलाई तक तेज बारिश की संभावना जताई है।
उल्लेखनीय है कि राज्य में 1 जून से 28 जुलाई, 2025 तक 369.79 एमएम वर्षा दर्ज हुई है। यह इस समय अवधि में होने वाली सामान्य वर्षा 196.79 एमएम से 87.91 प्रतिशत अधिक है। राज्य में मानसून काल में सामान्य वर्षा औसतन 424.71 एमएम मानी जाती है। इस प्रकार, अब तक 87.07 प्रतिशत वर्षा दर्ज हो चुकी है जबकि मानसून काल 30 सितम्बर तक माना जाता है। यह इस वर्ष बेहतर जल संग्रहण की स्थिति को भी दर्शाता है। प्रदेश में इस मानसून में सबसे अधिक वर्षा 1261 मिमी कोटा जिले के रामगंज मंडी क्षेत्र में दर्ज हुई।
बांधों में 75.33 प्रतिशत जल संग्रहित
राज्य के जल संसाधन विभाग के अंतर्गत कुल 693 बांधों की पूर्ण भराव क्षमता 13026.511 एमक्यूएम है। इसमें से वर्तमान में 9813.162 एमक्यूएम जल संग्रहित है। यह कुल पूर्ण भराव क्षमता का 75.33 प्रतिशत है। बांधों में 15 जून से 28 जुलाई, 2025 तक 4167.89 एमक्यूएम (32 प्रतिशत) जल की आवक हुई है। राज्य के 23 वृहद बांधों में कुल पूर्ण भराव क्षमता 8196.754 एमक्यूएम है, जिनमें अभी 6896.52 एमक्यूएम (84.14 प्रतिशत) जल संग्रहित है। वहीं 670 मध्यम व लघु बांधों में 4829.756 एमक्यूएम पूर्ण भराव क्षमता के मुकाबले 2916.64 एमक्यूएम (60.39 प्रतिशत) जल भरा हुआ है। टोंक स्थित बीसलपुर बांध के सोमवार को 6 गेट खोले गए। पहली बार यह बांध जुलाई माह में ही ओवरफ्लो हुआ है। वहीं, कोटा स्थित नवनेरा बांध के 13 गेट खोले गए हैं। ईसरदा बांध के कैचमेंट एरिया में अच्छी वर्षा होने से जल प्रवाह शुरू हो गया है। आगामी समय में बीसलपुर से ईसरदा में जल संग्रहित किया जाएगा। साथ ही, कई बांध भी पूर्ण भराव क्षमता पर आ गए हैं।
मुख्यमंत्री जनलाल शर्मा ने अच्छी बारिश पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि यह प्रदेश की समृद्धि एवं खुशहाली का शुभ संकेत है। इस बारिश से प्रदेश में चारों तरफ हरियाली छा गई है और खेतों में फसलें लहलहा रही हैं। जल स्त्रोतों की भराव स्थिति से किसानों सहित सभी वर्गों में उत्साह है।
मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से अपील की कि वर्षाकाल में विशेष सावधानी बरतें। भारी बारिश, आकाशीय बिजली एवं अन्य प्राकृतिक आपदाओं से बचाव के लिए पूरी तरह सतर्क रहें। साथ ही, नदी-नालों के बहाव क्षेत्रों एवं जर्जर भवनों से दूर रहें तथा जल भराव वाले मार्गों व पुलों को पार करने से बचें।