Wednesday, December 31, 2025
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राजस्थान कैबिनेट का बड़ा फैसला : धर्मांतरण विरोधी बिल में होगा परिवर्तन; विधानसभा में लाया जाएगा बिल

Cabinet Meeting : राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में रविवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में आयोजित मंत्रिमंडल एवं मंत्रिपरिषद् की बैठक में अहम फैसले लिए गए।

जानकारी देते हुए  विधि एवं विधिक कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने बताया कि प्रलोभन अथवा कपटपूर्वक धर्मान्तरण के प्रयासों को रोकने के लिए राजस्थान विधिविरूद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक-2025 विधानसभा में लाया जाएगा। उन्होंने कहा कि अभी राज्य में अवैध रूप से धर्मान्तरण को रोकने के सम्बन्ध में कोई विशिष्ट कानून नहीं है, इसलिए राजस्थान विधिविरूद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक-2025 को पिछले सत्र में विधानसभा में लाया गया था। अब इस विधेयक को वापस लेकर इसमें और कठोर प्रावधान करते हुए राजस्थान विधिविरूद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक-2025 का नया प्रारूप विधानसभा के आगामी सत्र में पेश किया जाएगा। मंत्रिमण्डल की बैठक में इस विधेयक के नये प्रारूप का अनुमोदन किया गया।

  • उन्होंने बताया कि इस विधेयक के कानून बनने के उपरान्त कोई व्यक्ति या संस्था, किसी व्यक्ति पर मिथ्या निरूपण, कपटपूर्वक, बलपूर्वक, अनुचित प्रभाव आदि का प्रयोग कर धर्म परिवर्तन नहीं करवा सकेंगे। अगर कोई व्यक्ति अथवा संस्था ऐसा कृत्य करते हैं, तो उन्हें कठोर दण्ड दिया जाएगा। अगर कोई व्यक्ति केवल विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन कराने के उद्देश्य से विवाह करता है, तो ऐसा विवाह शून्य होगा। इस विधि में अपराध गैर-जमानती व संज्ञेय होंगे।
  • उन्होंने कहा कि प्रस्तावित विधेयक में मूल पैतृक धर्म में वापसी को धर्म परिवर्तन की परिभाषा में सम्मिलित नहीं किया गया है। अवैध धर्मान्तरण पर न्यूनतम 7 वर्ष एवं अधिकतम 14 वर्ष के कारावास एवं न्यूनतम 5 लाख रूपये का जुर्माना, नाबालिग, दिव्यांग, महिला, एससी, एसटी वर्ग के पीड़ित के विरूद्ध ऐसा अपराध करने पर न्यूनतम 10 वर्ष एवं अधिकतम 20 वर्ष के कारावास एवं न्यूनतम 10 लाख रूपये का जुर्माना, सामूहिक धर्म परिवर्तन पर न्यूनतम 20 वर्ष एवं अधिकतम आजीवन कारावास एवं न्यूनतम 25 लाख रूपये के जुर्माने का प्रावधान प्रस्तावित किया गया है। धर्म परिवर्तन के लिए विदेशी संस्थान एवं अवैध संस्थान से धन प्राप्त करने पर न्यूनतम 10 वर्ष एवं अधिकतम 20 वर्ष के कारावास एवं न्यूनतम 20 लाख रूपये जुर्माना प्रस्तावित किया गया है। भय, बल, विवाह का वादा, विवाह, नाबालिग, महिला अवैध व्यापार जैसे अपराधों के लिए न्यूनतम 20 वर्ष एवं अधिकतम आजीवन कारावास एवं न्यूनतम 30 लाख रूपये का जुर्माने का प्रावधान प्रस्तावित है।
  • उन्होंने बताया कि विधेयक में अपराध की पुनरावृति पर आजीवन कारावास तक सजा एवं न्यूनतम 50 लाख रूपये का जुर्माना, अवैध धर्मान्तरण में लिप्त संस्था का रजिस्ट्रेशन रद्द करने, राज्य सरकार द्वारा ग्राण्ट बंद किए जाने, जिस स्थान पर अवैध धर्म परिवर्तन हुआ है उस सम्पत्ति की जांच के पश्चात जब्ती अथवा गिराए जाने का प्रावधान प्रस्तावित किया गया है। इस प्रस्तावित कानून में सबूत का भार उस व्यक्ति पर होगा जिसने धर्म परिवर्तन करवाया है।
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