Thursday, November 21, 2024
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राहुल गांधी अचानक पहुंचे वीरेंद्र अखाड़ा, सीखे कुश्ती के दांव-पेंच, खाई बाजरे की रोटी और सरसों का साग

झज्जर जिले के छारा गांव में स्थित अखाड़े में राहुल गांंधी अचानक पहुंच गए। इस दौरान उनके साथ बजरंग पूनिया भी मौजूद रहे। राहुल ने कुश्ती के दांव-पेंच सीखने वाले नए पहलवानों और कोच वीरेन्द्र से बातचीत की।

झज्जर। कांग्रेस नेता राहुल गांधी बुधवार सुबह हरियाणा के झज्जर के छारा गांव में पहलवानों से मिलने उनके अखाड़े में पहुंचे। कांग्रेस नेता ने यहां नए पहलवानों से मुलाकात की। वहां उनके साथ पहलवान बजरंग पूनिया भी मौजूद रहे। चूँकि वे अचानक पहुंचे थे और उस समय अखाड़े में गुलदस्ता न होने पर अखाड़े के कोच ने खेत से मूली निकालकर उनका स्वागत किया। राहुल गांधी ने बजरंग पूनिया के साथ काफी देर अखाड़े में कुश्ती भी की।

स्वागत में गुलदस्ते की जगह भेंट की मूलियां

राहुल गांधी करीब पौने घंटे तक अखाड़े में रुके। उन्होंने अखाड़े में कुश्ती के दांव-पेंच सीखने वाले नए पहलवानों और कोच वीरेन्द्र से मुलाकात की। वीरेंद्र ने ही बजरंग और दीपक पूनिया को कुश्ती के दांव-पेंच सिखाए थे। रेसलर बजरंग पूनिया और दीपक पूनिया ने इसी अखाड़े में कुश्ती की शुरुआत की थी। पहलवान बजरंग पूनिया ने बताया कि राहुल गांधी अखाड़े में हमारा रूटीन देखने आए थे। एक खिलाड़ी का जीवन कैसा होता है। यहां से वे दिल्ली की तरफ रवाना हो गए।

बजरंग पूनिया से कुश्ती के दांव पेंच सीखते हुए राहुल गांधी

यहां बता दे कि डब्ल्यूएफआई से पहलवानों के चल रहे विवाद के बाद राहुल गांधी बुधवार सुबह छारा पहुंचे। इस वजह से राहुल के इस दौरे को अहम माना जा रहा है। दरअसल, भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर महिला पहलवान अड़ी हुई हैं। वहीं, बृजभूषण के करीबी संजय सिंह बबलू को फेडरेशन का नया अध्यक्ष चुने जाने के विरोध में पहलवान साक्षी मलिक ने कुश्ती छोड़ने का निर्णय लिया।

इसके बाद पहलवान बजरंग पूनिया ने अपना पद्मश्री पीएम आवास के सामने छोड़ दिया। विनेश फोगाट ने भी अपना अर्जुन अवार्ड और मेजर ध्यानचंद खेल पुरस्कार लौटा दिया है। इस बीच राहुल गांधी बुधवार सुबह-सुबह झज्जर जिले में पहुंचे। राहुल गांधी छारा गांव में वीरेंद्र आर्य अखाड़े पहुंचे। यहां उन्होंने बजरंग पूनिया समेत पहलवानों से बातचीत की।

कोच बोले-अचानक पहुंचे राहुल

रेसलर बजरंग पूनिया के कोच और अखाड़े के संचालक वीरेंद्र ने बताया कि हम तो रूटीन में प्रैक्टिस करा रहे थे। सुबह करीब सवा 6 बजे अचानक राहुल अखाड़े पहुंचे। हम सभी देखकर हैरान रह गए। राहुल ने पहले सभी का हाल-चाल पूछा और फिर खिलाड़ियों के साथ खुद प्रैक्टिस की। उन्होंने बताया कि उन्हें खेल के बारे में बहुत जानकारी है। हमारी पहलवानों के प्रकरण पर भी उनसे बात हुई। हमने बताया कि पहलवान खासकर महिला पहलवान बहुत मानसिक परेशानी झेल रही हैं, लेकिन उनके हाथ में क्या है।

X पर राहुल गाँधी ने किया ट्वीट

अखाड़े से लौटने के बाद राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर लिखा-” वर्षों की जी तोड़ मेहनत, धैर्य एवं अप्रतिम अनुशासन के साथ अपने खून और पसीने से मिट्टी को सींच कर एक खिलाड़ी अपने देश के लिए मेडल लाता है। आज झज्जर के छारा गांव में भाई वीरेंद्र आर्य के अखाड़े पहुंच कर ओलिंपिक पदक विजेता बजरंग पूनिया समेत अन्य पहलवान भाइयों के साथ चर्चा की। सवाल सिर्फ एक है – अपने अखाड़े की लड़ाई छोड़ अगर इन खिलाड़ियों, भारत की बेटियों को अपने हक और न्याय की लड़ाई सड़कों पर लड़नी पड़े तो कौन अपने बच्चों को यह राह चुनने के लिये प्रोत्साहित करेगा? यह किसान परिवार के निश्छल, सीधे एवं सरल लोग हैं, इन्हें तिरंगे की सेवा करने दीजिए। इन्हें पूरे मान और सम्मान के साथ भारत का सिर गौरव से ऊंचा करने दीजिए।

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