Saturday, November 15, 2025
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पंजाब में क्राइम पर वार : हत्या, चोरी जैसे अपराधों की संख्या में गिरावट दर्ज

चंडीगढ़ : जब पंजाब में भगवंत मान के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी की सरकार बनी, तो सबसे बड़ी चुनौती थी – संगठित अपराध (गैंगस्टरवाद) और नशे का जाल। पिछली सरकारों की ढीली नीतियों के कारण यह समस्या एक विकराल रूप ले चुकी थी, जिससे खासकर हमारे युवा पीढ़ी का भविष्य खतरे में था। लेकिन, सरकार ने आते ही यह स्पष्ट कर दिया कि ‘जुर्म’ और ‘माफिया’ के लिए ‘रंगला-पंजाब’ में कोई जगह नहीं होगी। यह सरकार का पहला और सबसे बड़ा संकल्प था।

सरकार ने इस समस्या की जड़ पर वार करने के लिए तुरंत एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स (AGTF) का गठन किया। यह कोई साधारण पुलिस टीम नहीं थी, बल्कि संगठित अपराध के मॉड्यूलों को ध्वस्त करने के लिए विशेष रूप से बनाई गई थी। इस फोर्स को पूरी छूट और आधुनिक संसाधन दिए गए, जिससे यह प्रदेश भर में बड़े-बड़े गैंगस्टरों के नेटवर्क को पकड़ने और तोड़ने में कामयाब रही

मान सरकार के सख्त कदमों का असर जल्द ही आंकड़ों में दिखने लगा। आधिकारिक NCRB (National Crime Records Bureau) के आंकड़ों के अनुसार (2021 की तुलना में 2022 में), पंजाब में हत्या (Murder) के मामलों में कमी आई है। इसके अलावा, अपहरण (Kidnapping) और चोरी (Theft) जैसे अपराधों की संख्या में भी गिरावट दर्ज की गई।

पंजाब के लिए नशा एक अभिशाप बन चुका था। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इसे खत्म करने के लिए ‘युद्ध नशे के विरुद्ध’ का ऐलान किया। पंजाब पुलिस ने बड़े पैमाने पर ऑपरेशन चलाए, जिसमें हज़ारों नशा तस्करों को गिरफ्तार किया गया। पहली बार, सरकार ने कुछ कुख्यात नशा तस्करों की अवैध संपत्तियों पर बुलडोज़र भी चलाया। यह सख्त कार्रवाई अपराधियों के मन में डर पैदा करने और उन्हें कड़ा संदेश देने के लिए ज़रूरी थी कि ‘नशे का धंधा’ अब पंजाब में नहीं चलेगा।

गैंगस्टरों और आतंकवादियों के गठजोड़ को तोड़ने में AGTF ने बड़ी सफलता हासिल की है। पुलिस ने न केवल हथियार और विस्फोटक (जैसे RDX, IED, हैंड ग्रेनेड) बरामद किए, बल्कि ड्रोन के माध्यम से होने वाली हथियारों की तस्करी के कई मॉड्यूलों का भी पर्दाफाश किया। यह कार्रवाई पंजाब की आंतरिक सुरक्षा के लिए एक बड़ी जीत है, जिसने राष्ट्रविरोधी तत्वों के मंसूबों पर पानी फेर दिया।

अपराध को नियंत्रित करने में भ्रष्टाचार को खत्म करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। मुख्यमंत्री मान ने भ्रष्टाचार विरोधी एक्शन लाइन (9501200200) शुरू की। इस कदम से सरकारी दफ्तरों में रिश्वतखोरी पर लगाम लगी है। साथ ही, भ्रष्टाचार के आरोप लगने पर अपनी ही पार्टी के मंत्रियों और अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई करने का साहसिक कदम भी उठाया गया है, जिससे यह संदेश गया कि कानून सबके लिए समान है।

पंजाब पुलिस को आधुनिक बनाने पर ज़ोर दिया गया। नई भर्तियां की गई और ‘सड़क सुरक्षा फोर्स’ जैसी विशेष इकाइयाँ बनाई गईं। सबसे महत्वपूर्ण, मुख्यमंत्री ने जवाबदेही (Accountability) तय की। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिया कि यदि किसी ज़िले में कानून-व्यवस्था बिगड़ती है, तो उसके लिए एसएसपी (SSP) और उपायुक्त (DC) व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार होंगे। इस सख्ती ने पुलिस प्रशासन को पहले से कहीं ज़्यादा सक्रिय और जवाबदेह बनाया है।

कानून व्यवस्था तभी सुधरती है जब आम जनता का पुलिस पर विश्वास बढ़ता है। सरकार ने ‘मुख्यमंत्री सहायता केंद्र’ स्थापित किए, जहाँ लोग समयबद्ध, पारदर्शी और प्रभावी तरीके से अपनी समस्याओं का समाधान करवा सकते हैं। इससे सरकारी कार्यालयों में आम लोगों को हो रही परेशानी कम हुई है, जो सुशासन की ओर एक बड़ा कदम है।

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