चंडीगढ़ : पंजाब की धरती, जो सदियों से देश के पोषण का एक आधार रही है, अब एक नए युग में कदम रख रही है। पंजाब सरकार की दूरदर्शी सोच और किसानों के प्रति समर्पण का नतीजा है कि अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पंजाब की कृषि को नई पहचान मिल रही है। हाल ही में अर्जेंटिना के प्रतिष्ठित कृषि संस्थान Centro Agrotechnico Regional के विशेषज्ञों के साथ पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, लुधियाना में हुई बैठक ने इतिहास रच दिया है। यह केवल एक औपचारिक मुलाकात नहीं थी, बल्कि पंजाब के किसानों के भविष्य को संवारने की दिशा में एक ठोस कदम था, जिसमें आधुनिक तकनीक, वैज्ञानिक शोध और ग्लोबल नॉलेज का समावेश होगा।
इस ऐतिहासिक बैठक में अर्जेंटिना के कृषि वैज्ञानिकों ने पंजाब की उपजाऊ धरती, यहां की जलवायु, मिट्टी की गुणवत्ता और किसानों की मेहनत का गहन अध्ययन किया। उन्होंने पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों और स्थानीय किसानों के साथ विस्तृत चर्चा की, जिसमें फसल उत्पादन, जल संरक्षण, मिट्टी की सेहत और टिकाऊ खेती के तरीकों पर गहन विचार-विमर्श हुआ। दोनों पक्षों ने आगामी महीनों में साझा अनुसंधान परियोजनाओं की शुरुआत करने और तकनीकी ज्ञान के आदान-प्रदान का संकल्प लिया है। यह साझेदारी न केवल पंजाब की खेती को अंतरराष्ट्रीय मानकों पर ले जाएगी, बल्कि किसानों की आय दोगुनी करने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।
पंजाब सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में कृषि क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाने के लिए कई महत्वाकांक्षी योजनाएं शुरू की है। ड्रिप सिंचाई प्रणाली, स्प्रिंकलर सिस्टम, और सोलर पंपों की स्थापना के लिए किसानों को भारी सब्सिडी दी जा रही है, जिससे पानी की बचत हो रही है और बिजली का खर्च भी कम हो रहा है। स्मार्ट किसान ऐप्स के माध्यम से किसानों को मौसम की जानकारी, फसल की सही बुवाई का समय, कीटनाशकों का उपयोग और बाजार में फसल के सही दाम की जानकारी मिल रही है। इन आधुनिक उपायों से न केवल फसल का उत्पादन बढ़ा है, बल्कि किसानों का आत्मविश्वास भी बढ़ा है। अब किसान परंपरागत तरीकों के साथ-साथ नई तकनीकों को भी अपना रहे है, जिससे उनकी मेहनत का फल ज़्यादा मिल रहा है।
खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में भी पंजाब सरकार ने बड़ा निवेश किया है। प्रदेश भर में आधुनिक फूड प्रोसेसिंग पार्क और कोल्ड स्टोरेज की स्थापना की जा रही है, जिससे किसानों की फसल बर्बाद नहीं होती और उन्हें अपनी उपज का सही दाम मिलता है। लुधियाना, अमृतसर, जालंधर और पटियाला में स्थापित इन फूड पार्कों से हज़ारों युवाओं को रोज़गार मिला है और स्थानीय लघु उद्योगों को भी बढ़ावा मिल रहा है। इससे गांवों में पलायन रुक रहा है और युवा अपनी ज़मीन से जुड़े रहकर नए अवसरों का लाभ उठा रहे है। यह पंजाब सरकार की किसान केंद्रित नीतियों का ही परिणाम है कि आज प्रदेश में कृषि आधारित उद्योग तेज़ी से फल-फूल रहे है।
पंजाब सरकार ने किसानों की मुश्किल घड़ी में भी उनका साथ दिया है। इस साल जब भारी बारिश और बाढ़ की वजह से लाखों एकड़ खेत जलमग्न हो गए और फसलें नष्ट हो गईं, तब सरकार ने तुरंत राहत कार्य शुरू किए। मुख्यमंत्री भगवंत मान की सरकार ने मात्र 30 दिनों के भीतर प्रभावित किसानों को प्रति एकड़ 20,000 रुपये का मुआवज़ा दिया और मुफ्त गेहूं के बीज वितरित किए, ताकि किसान जल्द से जल्द फिर से अपने खेतों में बुवाई कर सकें। इस त्वरित कार्रवाई से किसानों में नई उम्मीद जगी और उन्हें विश्वास हुआ कि सरकार हर मुश्किल में उनके साथ खड़ी है। यह किसी भी सरकार के लिए एक बड़ी उपलब्धि है कि प्राकृतिक आपदा के बाद इतनी जल्दी किसानों तक मदद पहुंचाई जाए।
केंद्र सरकार के साथ मिलकर पंजाब सरकार ने कृषि क्षेत्र में नवाचार और अनुसंधान को भी बढ़ावा दिया है। नई फसलों की किस्मों का विकास, जैविक खेती को प्रोत्साहन, और जलवायु परिवर्तन के अनुसार फसल चक्र में बदलाव जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर काम हो रहा है। पंजाब कृषि विश्वविद्यालय में आधुनिक प्रयोगशालाओं की स्थापना की गई है, जहां युवा वैज्ञानिक किसानों की समस्याओं का समाधान खोजने में जुटे हैं। अर्जेंटिना जैसे देश, जो कृषि में बेहद उन्नत है, के साथ साझेदारी से पंजाब के वैज्ञानिकों और किसानों को दुनिया के बेहतरीन तरीकों को सीखने और अपनाने का मौका मिलेगा।
आज पंजाब की खेती पूरी दुनिया में अपनी पहचान बना रही
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस अवसर पर कहा, “पंजाब के किसान न केवल हमारे प्रदेश बल्कि पूरे देश की खाद्यान्न सुरक्षा की रीढ़ है। हमारी सरकार का लक्ष्य है कि हर किसान को आधुनिक तकनीक, बेहतर बीज, सही जानकारी और उचित बाज़ार मिले। अर्जेंटिना जैसे कृषि प्रधान देश के साथ यह साझेदारी पंजाब की खेती को वैश्विक स्तर पर एक नई पहचान देगी। हम चाहते है कि पंजाब का किसान दुनिया में सबसे आगे हो और उसकी मेहनत का पूरा सम्मान और उचित मूल्य मिले।” उनके इन शब्दों में सरकार की प्रतिबद्धता और किसानों के प्रति संवेदनशीलता साफ झलकती है।
आज पंजाब की खेती केवल भारत में ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में अपनी पहचान बना रही है। विदेशी कृषि विशेषज्ञ यहां की मिट्टी, किसानों की मेहनत और सरकार की नीतियों का अध्ययन करने आ रहे है। अर्जेंटिना की टीम ने भी पंजाब के किसानों की लगन और जज़्बे की तारीफ की है। उन्होंने कहा कि पंजाब की धरती में अपार संभावनाएं है और यहां के किसान आधुनिक तकनीक को अपनाने के लिए तैयार है। यह अंतरराष्ट्रीय सहयोग न केवल पंजाब की खेती को बेहतर बनाएगा, बल्कि भारत की कृषि अर्थव्यवस्था को भी मज़बूती देगा।
यह ऐतिहासिक साझेदारी पंजाब के किसानों के लिए एक नए युग की शुरुआत है। अर्जेंटिना के विशेषज्ञों के साथ मिलकर पंजाब के वैज्ञानिक नई फसलों की किस्में विकसित करेंगे, पानी की बचत के नए तरीके खोजेंगे, और जैविक खेती को बढ़ावा देंगे। इससे न केवल उत्पादन बढ़ेगा, बल्कि पर्यावरण भी सुरक्षित रहेगा। पंजाब सरकार की दूरदर्शिता, किसानों की मेहनत और अंतरराष्ट्रीय सहयोग के इस त्रिकोण से पंजाब की खेती निश्चित रूप से नई ऊंचाइयों को छुएगी। आने वाले समय में पंजाब न केवल देश का अन्न भंडार बना रहेगा, बल्कि दुनिया भर में टिकाऊ और आधुनिक खेती का एक उत्कृष्ट उदाहरण बन जाएगा।

