कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने शुक्रवार को संसद परिसर में किसानों की मांगों के समर्थन में हरियाणा के साथी सांसदों के साथ आवाज उठाई।
संसद भवन के मुख्य द्वार पर ‘किसानों से बात करो’, ‘MSP गारंटी दो’ की तख्तियाँ लेकर किसानों की मांगों का समर्थन करते हुए सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि जब किसान आंदोलन हुआ तब सरकार ने देश के किसानों से कुछ वायदे किए थे, जिसमें MSP को अमलीजामा पहनाकर लीगल गारंटी देने का वायदा था। बहुत लंबे अरसे तक जब वो वायदा पूरा नहीं हुआ तब किसानों ने अपना आंदोलन दोबारा शुरू किया और लंबे समय से किसान पक्के मोर्चे के माध्यम से हरियाणा-पंजाब शंभु बॉर्डर पर बैठे हुए हैं। आज किसानों ने दोबारा से दिल्ली कूच करने का निर्णय किया है, जो भाजपा सरकार की वायदा खिलाफी का प्रतीक है। हमारी मांग है कि सरकार अविलंब किसानों से बातचीत करे और MSP को अमलीजामा पहना कर लीगल गारंटी दे।
इस दौरान प्रमुख रूप से सांसद जय प्रकाश जेपी, सांसद पं. सतपाल ब्रह्मचारी, सांसद वरुण चौधरी मौजूद रहे। सांसदों ने “धोखेबाज सरकार होश में आओ”, “किसानों को आंदोलन पर मजबूर मत करो” के नारे लगाए।
दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि देश का किसान सरकार के इस विश्वासघात से दु:खी और रोष में है। 9 दिसंबर 2021 को आंदोलनकारी किसानों व सरकार के बीच समझौते को आज तक सरकार ने पूरा नहीं किया।
उन्होंने कहा कि एमएसपी की कानूनी गारंटी किसानों का अधिकार है। किसानों और सरकार के बीच हुए समझौते के तहत एमएसपी की कानूनी गारंटी पर कमेटी बनाने के बदले सरकार ने किसानों को धोखा देकर उनके साथ भद्दा मज़ाक किया है। सरकार द्वारा गठित कमेटी में एमएसपी की कानूनी गारंटी का कहीं जिक्र तक नहीं है। जबकि, ये कमेटी खास तौर पर MSP की कानूनी गारंटी सुनिश्चित करने के लिए होनी चाहिए। इस कमेटी में ज्यादातर ऐसे लोगों को शामिल किया गया है, जो रद्द हो चुके तीन कृषि कानूनों का लगातार समर्थन करते रहे। सरकार ने देश और देश के किसानों की आँखों में धूल झोंकने के लिए सिर्फ सुझाव देने वाली अधिकारहीन समिति बनाकर पल्ला झाड़ने का काम किया है।