चंडीगढ़ : विकसित भारत-2047 की परिकल्पना के तहत भारत सरकार ने देश में रोजगार सृजन को प्रोत्साहित करने के लिए 1 अगस्त 2025 को प्रधानमंत्री विकसित भारत योजना लागू की है जिसके तहत 3.5 करोड़ नए रोजगार सृजन के लिए लगभग 1 लाख करोड़ रूपए की प्रोत्साहन राशि रोजगार प्रादाताओं एवं रोजगार प्राप्तकर्ताओं को प्रदान की जाएगी। इस योजना के त्वतरित कार्यान्वयन के दृष्टिगत हरियाणा राज्य बड़े राज्यों को पीछे छोड़कर देशभर में चौथे स्थान पर पहुंच गया है।
हरियाणा श्रम तथा युवा अधिकारिता एवं उद्यमिता विभाग के प्रधान सचिव राजीव रंजन की अध्यक्षता में आज इस योजना की जागरूकता के लिए कौशल भवन, पंचकूला में रोजगार मेले लगाने वाले तकनीकी शिक्षा विभाग, उच्चतर शिक्षा विभाग, रोजगार विभाग, कौशल विभाग के अधिकारियों तथा आई.टी.आई. के प्रधानाचार्यों के साथ बैठक का आयोजन हुआ ।
प्रधान सचिव राजीव रंजन ने बताया कि इस योजना की संरचना में 2 मुख्य भाग है जिसमें यदि नये कर्मचारी ने ईपीएफओ 1 अगस्त, 2025 से 31 जुलाई, 2027 के बीच पंजीकरण किया हो, मासिक वेतन एक लाख रुपए से कम हो, ऐसे नये कर्मचारी को 15,000 रुपये तक ‘कर्मचारी भविष्य निधि‘ में अतिरिक्त भत्ता दो किस्तों में भारत सरकार द्वारा प्रदान किया जायेगा।
उन्होंने बताया कि दूसरी किस्त वित्तीय साक्षरता कार्यकम से जुड़ी होगी। इस स्कीम में लाभ प्राप्त करने के लिए कर्मचारी को एक प्रतिष्ठान में 12 महीने $ सारक्षता मॉडयूल पूरा होना अनिवार्य है। रोजगार प्रादाताओं प्रतिष्ठान को लाभ प्राप्त करने के लिए ‘कर्मचारी भविष्य निधि संगठन‘ में पंजीकृत होना चाहिए। यदि प्रतिष्ठान में 50 श्रमिकों से कम संख्या है तो दो या इससे अधिक पद सृजित करना तथा प्रतिष्ठान में यदि 50 से अधिक श्रमिकों की संख्या है तो पांच या उससे अधिक पद सृजित कर सकते हैं। इस योजना में प्रतिष्ठान को 3000 रुपये तक प्रति कर्मचारी प्रति मास की प्रोत्साहन राशि 2 वर्ष के लिए प्रदान की जायेगी। निर्माण क्षेत्र में यह लाभ दो वर्ष की अपेक्षा चार वर्ष तक दिया जाएगा।
इस योजना में आवेदन लिए श्रम मंत्रालय भारत सरकार द्वारा pmvbry.epfindia.gon.in / pmvbry.labour.gov.in पोर्टल बनाया गया है। प्रधान सचिव ने जानकारी दी कि यदि किसी प्रतिष्ठान में किसी भी कारण से ई.पी.एफ. के रिटर्न आज तक भी नहीं भरी है और वह इस योजना का लाभ लेने का इच्छुक है, तो ई.पी.एफ. की पुरानी रिटर्न भरने पर उस पर कोई भी पेनल्टी नहीं लगाई जाएगी। यह योजना रोजगार प्रोत्साहन के क्षेत्र में अभी तक की सर्वश्रेष्ठ योजना है।
इस अवसर पर कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग के महानिदेशक एवं सचिव डॉ विवेक अग्रवाल सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

