चंडीगढ़ : कृषि डेटा प्रबंधन को आधुनिक बनाने, भूमि रिकॉर्ड को व्यवस्थित करने और जनगणना तैयारियों को मजबूत करने के लिए हरियाणा की राजस्व विभाग की वित्त आयुक्त डॉ. सुमिता मिश्रा ने सभी उपायुक्तों के साथ समीक्षा बैठक की। इस बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए।
उन्होंने बताया कि लगभग 20 एकड़ जमीन पर हरियाणा रेवेन्यू ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट बनाने का प्रस्ताव है। यह संस्थान राजस्व अधिकारियों के प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण के लिए अत्याधुनिक केंद्र होगा।
हर तहसील के एक गांव को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चुना जाएगा
डॉ. मिश्रा ने कहा कि राज्य में अगले कृषि सीजन से एग्रीस्टैक आधारित फसल सर्वेक्षण और किसान रजिस्ट्री लागू होगी। इसके लिए हर तहसील के एक गांव को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चुना जाएगा। अधिकारियों का मास्टर प्रशिक्षण कल तक पूरा हो जाएगा। इसके बाद ये मास्टर ट्रेनर पटवारियों और राजस्व सहायकों को प्रशिक्षित करेंगे, ताकि योजना को सही तरीके से लागू किया जा सके।
वित्त आयुक्त ने सभी उपायुक्तों को लंबित इंतकाल (म्यूटेशन) को अभियान के तहत निपटाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिले वेब-हैलरिस प्लेटफॉर्म पर ‘फर्स्ट-इन-फर्स्ट-आउट’ (FIFO) प्रणाली अपनाएं। इससे मानवीय हस्तक्षेप खत्म होगा, निष्पक्षता बनी रहेगी और काम की गति बढ़ेगी। डॉ. मिश्रा ने कहा कि लंबित मामलों को कम करना जरूरी है, ताकि नए मामलों का काम समय पर हो सके। उन्होंने कहा कि इंतकाल के लंबित मामले 15 अक्टूबर 2025 तक खत्म हो जाने चाहिए।
पायलट जनगणना अक्टूबर–नवंबर में पंचकूला, हिसार और फरीदाबाद में होगी
डॉ. मिश्रा, जो जनगणना 2027 की राज्य नोडल अधिकारी भी हैं, ने बताया कि पायलट जनगणना अक्टूबर–नवंबर 2025 में पंचकूला, हिसार और फरीदाबाद में होगी। इसके बाद मकान सूचीकरण अप्रैल से सितंबर 2026 तक होगा और 2027 में जनसंख्या गणना होगी। उन्होंने कहा कि हर जिले में सिटी मजिस्ट्रेट जनगणना कार्य की निगरानी के लिए नोडल अधिकारी होंगे और उपायुक्त मुख्य जनगणना अधिकारी की भूमिका निभाएंगे।
बैठक में डॉ. सुमिता मिश्रा ने बताया कि बड़े पैमाने पर मैपिंग प्रोजेक्ट के तहत राज्य में 71% ततीमा अपडेटेशन का कार्य पूरा हो चुका है। उन्होंने जानकारी दी कि 18 अगस्त 2025 तक 62.72 लाख ततीमों में से 44.60 लाख का काम पूरा हो चुका है। उन्होंने सभी उपायुक्तों को निर्देश दिए कि ततीमा अपडेटेशन का काम 15 अक्टूबर 2025 तक पूरा किया जाए।
बैठक में उत्तर प्रदेश के साथ सीमा विवाद पर भी चर्चा हुई। सर्वे ऑफ इंडिया ने सीमा स्तंभों के निर्माण के लिए सटीक स्थान और फंड उपलब्ध करा दिए हैं। डॉ. मिश्रा ने पानीपत, सोनीपत, फरीदाबाद, पलवल और करनाल के उपायुक्तों को निर्देश दिए कि निर्माण कार्य जल्दी पूरा करें और प्रगति रिपोर्ट नियमित भेजें।