Ram Mandir: 22 जनवरी को 500 सालों के बाद अयोध्या राममंदिर में रामलला अपने सिंहासन पर विराजमान होंगे। इस घड़ी का लोगों को बरसों से इंतजार था। इस दिन देश के हर घर में दिवाली मनाई जायेगी। मंदिरों में भजन कीर्तन के साथ भंडारा का आयोजन भी होगा।
देश में कई महिलायें गर्भवती हैं जिनकी डिलीवरी 22 जनवरी के आस-पास होने वाली है। लेकिन गर्भवती महिलाओं की मांग है कि 22 जनवरी को ही उनकी डिलीवरी हो। छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में अधिकतर प्रेग्नेंट महिलाएं, जिनकी डिलीवरी की तारीख 22 जनवरी के आस-पास है, वह 22 जनवरी को ही अपनी डिलिवरी के लिए डॉक्टरों से संपर्क कर रही हैं। कई गर्भवती महिलाओं ने डॉक्टर से अनुरोध किया है कि वो 22 जनवरी को ही अपने बच्चे को जन्म देना चाहती हैं भले ही उन्हें इसके लिए ऑपरेशन क्यों ना करवाना पड़ा।
इन गर्भवती महिलाओं का ऐसा मानना है कि 22 जनवरी को अयोध्या में श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा के दिन ही यदि वह बच्चे को जन्म देंगी, तो उनके घर में भी ‘राम’ का आगमन होगा और वे माता कौशल्या जैसी भाग्यशाली माता कहलायेंगी। लोगों का मानना है कि 22 जनवरी को अगर उनके घर बेटा हुआ तो उसका नाम रखेंगे और बेटी हुई तो उसका नाम सीता रखेंगे।
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प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर मानसी गुलाटी ने बताया कि जिनकी डिलीवरी का डेट इस महीने जनवरी में है, वो बहुत उत्सुक हैं कि श्री रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के ऐतिहासिक दिन 22 जनवरी को उसके घर भी बेबी के रूप में मां सीता या राम आयें। कई दंपति डॉक्टर से सलाह लें रहे हैं कि इस दिन एडमिट होने पर क्या हमारी डिलीवरी हो जाएगी?
डॉक्टर का कहना है कि कुछ चीजों को प्रकृति और ईश्वर में ही छोड़ देना चाहिए और समय का इंतजार करना चाहिए. जरूरी नहीं है कि 22 तारीख को ही बच्चा होगा, समय आगे पीछे होता रहता है। जो डिलीवरी की डेट होती है, उनमें से 4% लोगों की ही ऑनडेट डिलीवरी होती है। बाकी कि 10-12 दिन आगे या पीछे होती है।