प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण भारत सरकार द्वारा संचालित एक विस्तृत ग्रामीण आवासीय योजना है, जिसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों में बेघर जीर्णशीर्ण एवं कच्चे मकानों में रह रहे परिवारों को नए आवास निर्माण के लिए 1 लाख 38 हजार रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है।
पलवल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डीआरडीए जितेंद्र कुमार ने बताया कि ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार व सर्वस्व आवास विभाग हरियाणा के निर्देशानुसार जिला पलवल में प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत बेघर, कच्चे अथवा जर्जर मकानों में जीवन यापन करने वाले परिवारों को पक्के मकान का सपना साकार करने के लिए पूर्व में वंचित रहे परिवारों के लिए सरकार द्वारा सर्वे का कार्य शुरू कर दिया गया है। भारत सरकार की ओर से नए सर्वे के लिए अंतिम तिथि 31 मार्च 2025 निर्धारित की गई है। पात्र परिवार अपना सर्वे विभाग द्वारा पंजीकृत सर्वेयर अथवा सेल्फ सर्वे (स्वयं भी) कर सकता है। पात्र परिवार अपने ग्राम पंचायत के सरपंच, पंच, ग्राम सचिव तथा संबंधित खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी कार्यालय से संपर्क करके आवास प्लस ऐप पर अपना सर्वे करवा सकते हैं।
मुख्य कार्यकारी अधिकारी डीआरडीए ने बताया कि योजना के तहत बहिष्करण प्रक्रिया के तहत पक्की छत या पक्की दीवार वाले घरों में रहने वाले सभी परिवारों और 2 से अधिक कमरों वाले घरों में रहने वाले परिवारों को फिल्टर किया जाता है। स्वचालित बहिष्करण प्रक्रिया के तहत सूचीबद्ध 13 मापदंडों में से किसी एक को पूरा करने वाले सभी परिवारों को स्वचालित रूप से बहिष्कृत कर दिया जाता है।
यह हैं योजना के तहत सूचीबद्ध किए गए 13 मापदंड
इस योजना के तहत विभिन्न मापदंडों को सूचीबद्ध किया गया है, जिसमें मोटर चालित दो/तीन/चार पहिया/मछली पकडऩे वाली नाव होने पर, मशीनीकृत तीन/चार पहिया कृषि उपकरण होना, 50 हजार रुपए या उससे अधिक की क्रेडिट सीमा वाला किसान क्रेडिट कार्ड होना, ऐसा परिवार जिसका कोई सदस्य सरकारी कर्मचारी हो, सरकार के साथ पंजीकृत गैर-कृषि उद्यम वाले परिवार, परिवार का कोई भी सदस्य 10 हजार रुपए प्रति माह से अधिक कमाता हो, आयकर का भुगतान करता हो, व्यावसायिक कर का भुगतान करने वाला, रेफ्रिजरेटर का मालिक होना, लैंडलाइन फोन का मालिक होना, 2.5 एकड़ या उससे अधिक सिंचित भूमि का मालिक होना और कम से कम एक सिंचाई उपकरण होना, दो या अधिक फसल मौसमों के लिए 5 एकड़ या उससे अधिक सिंचित भूमि का मालिक होना, कम से कम 7.5 एकड़ या उससे अधिक भूमि का मालिक होना और कम से कम एक सिंचाई उपकरण होना आदि शामिल हैं।
यह रहेंगे स्वचालित समावेशन के लिए मानदंड :
उन्होंने बताया कि स्वचालित समावेश के लिए मानदंड में आश्रयहीन परिवार, बेसहारा/भिक्षा पर जीवन यापन करने वाले, हाथ से मैला ढोने वाले, आदिम जनजातीय समूह और कानूनी रूप से रिहा किए गए बंधुआ मजदूर शामिल रहेंगे।