प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने साइप्रस के राष्ट्रपति महामहिम निकोस क्रिस्टोडौलिडेस के साथ लिमासोल में साइप्रस और भारत के व्यापारिक प्रतिनिधियों के साथ गोलमेज वार्ता की।
प्रतिभागियों में बैंकिंग, वित्तीय संस्थानों, विनिर्माण, रक्षा, रसद, समुद्री, शिपिंग, प्रौद्योगिकी, नवाचार, डिजिटल प्रौद्योगिकी, एआई, आईटी सेवाओं, पर्यटन और गतिशीलता जैसे विविध क्षेत्रों के प्रतिनिधि सम्मिलित थे।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अगली पीढ़ी के सुधारों, नीतिगत पूर्वानुमान, स्थिर राजनीति और व्यापार करने में आसानी से प्रेरित होकर भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बन गया है। उन्होंने कहा कि भारत में नागरिक उड्डयन, बंदरगाह, जहाज निर्माण, डिजिटल भुगतान और हरित विकास क्षेत्रों में स्थिर वृद्धि ने साइप्रस की कंपनियों के लिए भारत के साथ साझेदारी करने के असंख्य अवसर खोले हैं। उन्होंने भारत की कुशल प्रतिभा और स्टार्ट-अप पारिस्थितिकी तंत्र की ताकत की जानकारी दी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि साइप्रस भारत के लिए खासकर प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के क्षेत्र में महत्वपूर्ण आर्थिक साझेदार है। उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था में नए निवेश के लिए साइप्रस की गहरी रुचि का स्वागत किया। वित्तीय सेवा क्षेत्र में व्यावसायिक जुड़ाव की संभावना पर बल देते हुए, दोनों नेताओं ने एनएसई इंटरनेशनल एक्सचेंज गिफ्ट सिटी, गुजरात और साइप्रस स्टॉक एक्सचेंज के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए जाने का स्वागत किया।
एनआईपीएल (एनपीसीआई इंटरनेशनल पेमेंट्स लिमिटेड) और यूरोबैंक साइप्रस ने दोनों देशों के बीच सीमा पार भुगतान के लिए यूपीआई शुरू करने पर सहमति व्यक्त की। इससे पर्यटकों और व्यवसायों को लाभ होगा।
प्रधानमंत्री ने भारत-ग्रीस-साइप्रस (आईजीसी) व्यापार और निवेश परिषद के शुभारंभ का भी स्वागत किया।
साइप्रस अगले वर्ष यूरोपीय संघ परिषद की अध्यक्षता संभालने की तैयारी कर रहा है। ऐसे में दोनों नेताओं ने भारत-यूरोपीय संघ रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के लिए प्रतिबद्धता की पुष्टि की। उन्होंने वर्ष के अंत तक भारत-यूरोपीय संघ मुक्त व्यापार समझौते को पूरा करने के बारे में आशा व्यक्त की, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापार और आर्थिक सहयोग को भी बढ़ावा मिलेगा।
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि व्यापार गोलमेज चर्चा ने व्यावहारिक सुझाव दिए हैं जो संरचित आर्थिक रोडमैप का आधार बनेंगे। इससे व्यापार, नवाचार और रणनीतिक क्षेत्रों में दीर्घकालिक सहयोग सुनिश्चित होगा।