रोहतक : उपायुक्त धीरेंद्र खड़गटा ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे ड्रग्स पर पूर्ण रूप से रोकथाम के लिए सरकारी के साथ-साथ सभी शिक्षण संस्थाओं के प्राचार्यों व संचालकों का भी जरूर सहयोग लें।
उन्होंने कहा कि नशा तस्करों की सही जानकारी होना जरूरी है ताकि उन पर ठोस कार्रवाई की जा सके। उन्होंने कहा कि जिले में किसी भी तरह से ड्रग्स की बिक्री पर पूर्ण रूप से रोकथाम लगाना जरूरी है ताकि युवा पीढ़ी को नशे के सेवन से बचाया जा सकें। इसके लिए समाजसेवी संस्थाओं के साथ-साथ आमजन का भी सहयोग जरूरी है।
प्रत्येक वर्ग के व्यक्ति को अपने साथ लेना जरूरी
डीसी खड़गटा मंगलवार को लघु सचिवालय स्थित वीसी रूम में ड्रग्स की रोकथाम को लेकर उठाए जा रहे कदमों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वह संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ नियमित रूप से बैठकों का आयोजन करें और तालमेल स्थापित करें और ड्रग्स की बिक्री करने वालों की जानकारी हासिल करें। उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि ड्रग्स की रोकथाम को लेकर प्रत्येक वर्ग के व्यक्ति को अपने साथ लेना जरूरी है ताकि यह पता चल सके कि उनके आसपास में कितने लोग ड्रग्स का सेवन कर रहे हैं और उनको कहां से और किस प्रकार से ड्रग्स सप्लाई की जा रही है।
युवाओं को समझाएं कि ड्रग्स और नशीली दवाओं का सेवन न करें
उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए की वे शहर के साथ-साथ ग्रामीण अंचल में भी नशा मुक्ति पर विशेष मेडिकल कैंप आयोजित करें। दवाई देने के साथ-साथ युवाओं को समझाएं कि ड्रग्स और नशीली दवाओं का सेवन न करें, नशा जीवन को बर्बाद कर देता है। उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि जिला में संचालित नशा मुक्ति केंद्रों में पर्याप्त मात्रा में जरूरी दवाइयां होनी चाहिए। इसके साथ-साथ यह भी कड़ी निगरानी करें कि नशा मुक्ति केंद्र में भी तो कोई ड्रग्स नहीं पहुंचा रहा है। उपायुक्त ने बैठक के दौरान मौजूद जिला में संचालित नशा मुक्ति केंद्रों के प्रतिनिधियों से वहां पर आ रही किसी भी प्रकार की दिक्कतों के बारे में जानकारी ली। यदि कोई सेंटर बेहतर ढंग से कार्य कर रहा है तो उसके तरीका को दूसरे सेंटर में भी अपनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि नशा मुक्ति केंद्रों पर छोडऩे वालों से जानकारी हासिल करें कि कौन और कहां पर किस तरीके से ड्रग्स सप्लाई कर रहा है।
ड्रग्स तस्करी की सूचना देने वालों के नाम गुप्त रखे जाएंगे
समीक्षा बैठक में पुलिस अधीक्षक नरेंद्र बिजारणिया ने कहा कि किसी भी व्यक्ति का एक सुझाव ड्रग्स की रोकथाम में बहुत सहायक साबित हो सकता है। ऐसे में कोई भी सामाजिक संस्था या प्रबुद्ध जन अपना सुझाव जिला और पुलिस प्रशासन को दे सकते हैं। ड्रग्स तस्करी की सूचना देने वालों के नाम गुप्त रखे जाएंगे। उन्होंने अधिकारियों से भी कहा कि वे भी सामाजिक संगठनों और प्रबुद्ध लोगों से उनके विचार जाने कि ड्रग्स पर पूर्ण रूप से रोकथाम के लिए क्या और किस प्रकार से प्रयास किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि ड्रग्स की रोकथाम में सुल्फा, की चिट्टा और नशीली दवाओं की बिक्री पर भी प्रतिबंध जरूरी है। इसके लिए मेडिकल स्टोर का नियमित रूप से निरीक्षण जरूरी है और नशीली दवा बेचने वालों पर तुरंत प्रभाव से कार्रवाई हो।
रेडक्रॉस के ड्रग्स एडिक्शन सेंटर को फिर से शुरू करवाने के दिए निर्देश
समीक्षा बैठक के दौरान उपायुक्त ने रेडक्रॉस सचिव श्यामसुंदर को निर्देश दिए की रेड क्रॉस द्वारा पूर्व में संचालित नशा मुक्ति केंद्र को फिर से शुरू करवाने के लिए कैसे तैयार करें और उनके माध्यम से मुख्यालय भिजवाया जाए इसी प्रकार से उन्होंने जेल के अंदर भी नशा मुक्ति केंद्र शुरू करवाने के निर्देश दिए।
इस दौरान एसीयूटी अभिनव सिवाच, एसपी शशि शेखर, नगराधीश अंकित कुमार, एसडीएम महम दिलबाग फोगाट, सांपला के एसडीएम , शुगर मिल के एमडी मुकुंद तंवर, जेल अधीक्षक सत्यवान, सिविल सर्जन डॉ रमेश आर्य, डीईओ मंजीत मलिक, रेडक्रॉस सचिव श्यामसुंदर, समाज कल्याण अधिकारी एमपी गोदारा, दो वैशाली सहगल डॉ विनय कुमार, डॉ प्रमोद बिंद्रा, सुमन राठी, सुरेश कुमार, राजकुमार और मीनू जेटली सहित संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।