diya on belpatra: देवों के देव महादेव को बेलपत्र अतिप्रिय होते हैं. यदि बेलपत्र पर रखकर दीया को जलाया जाये तो आपकी पूजा को पूरा फल मिलता है और सारी मनोकामनायें पूरी होती हैं. कहते हैं कि ऐसा करने से साधक की भक्ति बहुत जल्द ही भगवान तक पहुंचती है और उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है.
diya on belpatra: बेलपत्र पर रखकर दीया जलाने से साधना की शक्ति कई गुणा बढ़ जाती
वैसे भी दीया का प्रकाश अज्ञान रुपी अंधकार को दूर भगाने का काम करता है. अगर बेलपत्र पर दीये को रखकर शिवलिंग के सामने जलाया जाए तो ब्रह्माण्डीय ऊर्जा को आकर्षित करता है और साधना की शक्ति कई गुना बढ़ जाती है.
जब हम दीया जलाते हैं तो यह अग्नि तत्त्व का प्रतिनिधित्व करता है. यह तत्त्व जब पृथ्वी तत्त्व (बेलपत्र)से संयुक्त होता है,तो पंचतत्त्वों का संतुलन बनता है,जिससे साधक को आध्यात्मिक ऊर्जा मिलती है और ध्यान अधिक गहरा होता है.
बेलपत्र पर दीपक जलाने से पितृ दोष और कालसर्प दोष का प्रभाव कम
धर्म शास्त्रों में इस बात का वर्णन किया गया है कि बेलपत्र पर दीपक जलाने से पितृ दोष और कालसर्प दोष का प्रभाव कम होता है. इससे पवित्रता और दिव्यता दोनों की शक्ति बढ़ती है और शिव को तुष्टि मिलती है.
तंत्र साधना में भी बेलपत्र और दीपक का संयुक्त प्रभाव का उल्लेख किया गया है. कहते हैं कि यह नकारात्मक ऊर्जा को नष्ट करता है और घर या पूजा स्थान में सुरक्षा कवच का निर्माण करता है.
दरिद्रता, रोग और कलह दूर
वास्तु शास्त्र में बताया गया है कि बेलपत्र पर दीया जलाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह को बढ़ाता है, जिससे दरिद्रता, रोग और कलह जैसे दोष दूर होते हैं. मान्यता है कि माता पार्वती ने भी शिव को प्रसन्न करने हेतु बेलपत्र पर दीप जलाया था,जिससे उन्हें शिवजी का वरदान प्राप्त हुआ. यह क्रिया आज भी महिलाओं द्वारा सौभाग्य हेतु की जाती है.