रोहतक (शांति प्रकाश जैन) : निगम रोहतक के नवनिर्वाचित 22 पार्षदों के समक्ष जन समस्याओं का पिटारा मुंह बांहे खडा है। इन 22 पार्षदों में से प्रदेश में सत्तरूढ़ दल के 14 पार्षदों की समस्याएं हल कराने में अहम भूमिका होगी। पिटारे में पेयजल की कमी, बरसाती पानी की निकासी का उचित प्रबंध ना होना, सफाई व्यवस्था की दुर्दशा, खराब सड़कों के हालात प्रमुख समस्याएं है। निर्वाचित पार्षदों के समक्ष सबसे बड़ी समस्या लोगों को पूरी मात्रा में स्वच्छ जल उपलब्ध करवाने की है। बरसात के समय शहर की विभिन्न सड़कों और महत्वपूर्ण स्थानों पर बरसात का पानी खड़ा हो जाता है। इन दोनो समस्याओं को हल करने में पिछले 20 साल की कांग्रेस और भाजपा सरकारें पूरी तरह असफल सिद्ध हुई है।
रोहतक नगर में जलापूर्ति का आधार नहरी पानी की उपलब्धता पर है। नहरी पानी की समयबंदी पेयजल की कमी को अधिक विकराल रूप दे देती है। नहरी पानी की समयबंदी का प्रभाव इस सर्दी में लोगों को भुगतना पड़ा। इन दिनों शहर के काफी अघिकांश क्षेत्रों में केवल एक ही समय पानी की आपूर्ति विभाग द्वारा की जाती थी वो भी केवल 20-25 मिनट तक ही होती थी। जिसके चलते लोगों को काफी कठिनाइयों का सामना भी करना पड़ता था। जन स्वास्थ्य विभाग और सिंचाई विभाग में परस्पर तालमेल ना होने का खामियाजा जनता को भुगतना पड़ता है। इस वर्ष बरसात के मौसम में भाखड़ा डैम पर बनी गोबिंदसागर झील के पानी की क्षमता भी कई फूट नीचे रही। संभावना व्यक्त की जा रही है कि इस बार गर्मियों में भाखडा डैम से पानी की सप्लाई कम हो सकती है। जिसके चलते पानी की समयबंदी का समय भी बढ़ सकता है। शहर के अधिकांश हिस्से में भूमिगत पानी खारा होने के कारण पेयजल की समस्या और विकराल रूप धारण कर लेती है। वाटर टैंकों की समय पर सफाई ना होना भी पेयजल की आपूर्ति में बाधक होती है। वाटर वर्कस में बने वाटर टैंकों में गाद इतनी ज्यादा हो जाती है कि उनमें पानी भरने की क्षमता कम हो जाती है। लोगों का कहना है कि सिंचाई विभाग को शहर में पेयजल की कमी को दूर करने के लिए नहरी पानी की समय अवधि कम करनी चाहिए तथा समय-समय पर वाटर टैंको की साफ सफाई भी रहनी चाहिए। निगम प्रशासन दूरदराजी कॉलोनियों के निवासियों को पेयजल उपलब्ध कराने के लिए पानी के टैंकर भी मंगवाते है इसके साथ ही प्राइवेट टैंकर मालिक भी लाभ उठाते है।
बरसात के समय शहर के कई स्थानों और अनेक हिस्सों में पानी खड़ा हो जाता है जिससे आम जन को काफी कठिनाई झेलनी पड़ती है। सड़कों पर बरसाती पानी खडा होने के कारण यातायात तो बाधित होता ही है साथ ही दुकानदारों को अपनी व्यापारिक गतिविधियां चलाने में भी दिक्कत उठानी पड़ती है। शहर के प्रमुख व्यवसायिक स्थल किला रोड, रेलवे रोड, पालिका बाजार की सड़क, सिविल रोड, गोहाना रोड, माल गोदाम रोड़, छोटूराम चौक, डी-पार्क मार्केट , प्रताप मार्केट, सुखपुरा चौक, प्रेम नगर मोड़ आदि स्थानों पर बरसात के समय थोड़ी सी वर्षा होते ही पानी खड़ा हो जाता है। यही नहीं शहर की प्रमुख सड़कों और कॉलोनियों में सीवरेज का गंदा पानी ओवरफलो होकर फैलता है जिसके चलते लोगों के स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव पड़ता है।
आमजन को विश्वास है कि शहर में ट्रिपल सरकार होने के कारण इन जन समस्याओं को हल कराने में पार्षद सफल होंगे और शहर को प्रदेश का एक नंबर बनाने में अहम भूमिका निभाएंगे।