Thursday, October 24, 2024
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मोबाइल फोन बिगाड़ रहा है पति-पत्नी का रिश्ता

Phone Addiction: शादी का रिश्ता हो या फिर लव रिलेशनशिप शुरु-शुरु में बहुत अच्छा लगता है लेकिन जैसे-जैसे वक्त बीतता जाता है प्यार में कभी-कभी कमी आने लगती है। दरअसल, रिश्ते निभाने में बहुत सारी चुनौतियां होती है। नेशनल ओपिनियन रिसर्च सेंटर के द्वारा किए गए सर्वे में सामने आया है कि 60 प्रतिशत लोगों का कहना है कि वह अपने रिश्ते से बहुत संतुष्ट नहीं हैं। एक रिश्ते को निभाने में कुछ इस प्रकार की समस्याओं का सामना कर पड़ रहा है-

  • घर और नौकरी की जिम्मेदारियों के बीच संतुलन बिठाना।
  • बच्चे पालने से जुड़ी चुनौतियां।
  • पैसे से जुड़ी परेशानियां और विवाद।
  • रिश्ते में पर्याप्त इंटीमेसी यानी सेक्स का न होना।

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लेकिन अब इसमें एक नया नाम जुड़ गया है वो है मोबाइल फोन। मोबाइल फोन की वजह से रिश्तों में दरार आ रही है।

पार्टनर से ज्यादा प्यारा हुआ मोबाइल 

आज के दौर में पार्टनर से बातें करते वक्त भी आपकी निगाहें उन पर नहीं बल्कि अपने मोबाइल फोन पर चिपकी होती है। पार्टनर आपसे कुछ बातें कर रहा है लेकिन आप फोन पर गेम खेलने में व्यस्त हैं। सामने बैठे इंसान से कोई मतलब नहीं है लेकिन मीलों दूर बैठे व्यक्ति के साथ आप चैट कर रहे हैं।

मोबाइल फोन से रिश्तों में आ रही है दरार 

डॉ. जेम्स ए. रॉबर्ट्स बायलर यूनिवर्सिटी, टेक्सस में मार्केटिंग के प्रोफेसर का कहना है कि एक अमेरिकन व्यक्ति औसतन हर साढ़े छह मिनट में अपना फोन चेक करता है और पूरे दिन में तकरीबन डेढ़ सौ बार। ऐसी ही कहानी भारतीय की भी है। डॉ रॉबर्ट्स का कहना है कि हमारी स्टडी में शामिल 92% लोगों ने कहा कि पार्टनर की हर वक्त मोबाइल फोन चेक करने की आदत उनके रिश्तों को खराब कर रही है। तकरीबन सभी प्रतिभागियों ने कहा कि पार्टनर का फोन हर वक्त उनके हाथ में रहता है।

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स्टेट ऑफ मोबाइल, 2023 रिपोर्ट के मुताबिक एक भारतीय दिन में 4.9 घंटे यानी तकरीबन पांच घंटे अपने फोन से चिपके हुए बिताते हैं। हर दिन पांच घंटे मतलब महीने के डेढ़ सौ घंटे और साल के 1800 घंटे।

मोबाइल से सेहत पर भी बुरा असर

मोबाइल फोन की लत बहुत खराब होती है इससे हमारा दिमाग डोपामिन एडिक्ट हो गया है। फोन हमारे मस्तिष्क के डोपामिन सेंटर्स को एक्टिवेट करता है। यही कारण है कि हम कोई जरूरी काम न होने पर भी हर थोड़ी देर में अपना फोन उठा लेते हैं। अगर फोन पास न हो तो हमें घबराहट और बेचैनी होने लगती है।

ऐसे में हमें मोबाइल की लत को दूर करना बहुत जरुरी है। शाम को एक घंटे अपने पूरे परिवार के साथ जरुर वक्त बितायें। डिनर टेबल पर पूरे परिवार के साथ डिनर करें। इस वक्त नो मोबाइल का रुल बनायें। दिन में एक बार ही फेसबुक, ट्विटर(X), इंस्टाग्राम, स्नैपचैट का यूज करें।  महीने में कोई दो-तीन दिन ऐसा तय करें, जब काम से छुट्टी के साथ आप अपने मोबाइल फोन से भी छुट्‌टी ले लें। फोन स्विचऑफ करके बैग में डाल दें और उसे देखें भी नहीं। महीने के दो-तीन दिन टोटल मोबाइल डिटॉक्स वाले हों।

 

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