पीजीआईएमएस रोहतक का गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग नेशनल वायरल हेपिटाइटिस कंट्रोल प्रोग्राम के तहत हरियाणा राज्य का एकमात्र नोडल ट्रीटमेंट सेंटर है और भारत में काले पीलिया के मरीजों के इलाज में उन चुनिंदा संस्थानों में से एक है जहां पर प्रतिदिन करीब 70 से 80 मरीज का इलाज निशुल्क किया जाता है। यह देश का पहला ऐसा केंद्र है जहां पर प्रतिदिन बिना किसी अपॉइंटमेंट और प्रतिक्षा के पूरा इलाज नि:शुल्क दिया जाता है, इसमें सबसे बड़ी बात है कि यहां पर एक ही छत के नीचे फाइब्रोस्कैन, एंडोस्कोपी जैसे सभी टेस्टों एवं दाखिले की सुविधा उपलब्ध है।
मेडिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग के सीनियर प्रोफेसर एवं विभाग अध्यक्ष और नोडल ट्रीटमेंट सेंटर के इंचार्ज डॉ प्रवीण मल्होत्रा ने बताया कि अभी तक नेशनल प्रोग्राम के तहत सभी हेल्थ वर्कर्स को निशुल्क हेपेटाइटिस बी की वैक्सीन लगाई जा रही थी और अब इसका दायरा बढ़ाते हुए उन लोगों को भी उपलब्ध करवाई जा रही है जिन्हें हेपेटाइटिस बी होने का खतरा ज्यादा रहता है।
कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉक्टर वरुण अरोड़ा ने बताया कि हेपेटाइटिस बी की वैक्सीन ओपीडी के कमरा नंबर 206 में प्रतिदिन लगाई जा रही है। वरुण अरोड़ा ने बताया कि इन हाई रिस्क मरीजों में वह लोग शामिल होते हैं जिन्हें बार-बार खून चढ़ता है, जैसे हीमोफीलिया, थैलेसीमिया, डायलिसिस के मरीज, नशे के टीके लगाने वाले मरीज,एचआईवी, हैपेटाईटिस सी, हैपेटाईटिस बी के मरीजों के परिवार के सदस्य व देखभाल करने वाले शामिल है।
डॉ प्रवीण मल्होत्रा ने बताया कि अब तक पिछले 12 वर्ष में हेपेटाइटिस सी के करीब 26 हजार तथा हेपेटाइटिस बी के 12000 मरीजों का पंजीकरण किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि इन मरीजों पर कई रिसर्च की जा चुकी हैं, जिसमें स्त्री रोग विभाग की रिसर्च में माता और शिशु को इस बीमारी से निजात दिलाने में अहम भूमिका निभाई है।
उन्होंने बताया कि स्त्री रोग विभाग अध्यक्ष डॉ पुष्पा दहिया के नेतृत्व में रिसर्चर डॉक्टर वाणी मल्होत्रा ने माइक्रोबायोलॉजी विभाग के डॉक्टर परमजीत सिंह गिल के साथ मिलकर मां से बच्चों में जाने वाले हेपेटाइटिस बी को रोकने में काफी हद तक सफलता प्राप्त की।
गर्भपात होने के आसार काफी ज्यादा होते
- डॉ मल्होत्रा ने बताया कि महिलाओं में काले पीलिया होने पर गर्भपात होने के आसार काफी ज्यादा होते हैं। उन्होंने बताया कि पीजीआइएमएस की रिसर्च में चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं जिसमें पाया गया कि हेपेटाइटिस बी में 30% और हेपेटाइटिस सी में 26% तक गर्भपात होने का पता चला। डॉ वाणी मल्होत्रा ने बताया कि इसमें सबसे ज्यादा महिलाएं 20 से 30 वर्ष के बीच की थी। उन्होंने बताया कि पहले तीन माह के दौरान गर्भपात का खतरा बहुत ज्यादा पाया गया। रिसर्च में देखा गया कि करीब 60% महिलाओं में एक बार गर्भपात पाया गया जबकि 40% महिलाओं में दो बार से अधिक गर्भपात पाया गया।
- डॉ मल्होत्रा ने बताया कि इससे पता चलता है कि यदि शादी से पहले हर कोई काले पीलिये की जांच करवाए और यदि काला पीलिया नहीं मिलता है तो उसे हेपेटाइटिस बी की वैक्सीन लगाई जाए और अगर मिलता है तो उसका इलाज ले लिया जाए तो काफी हद तक काले पीलिया को खत्म किया जा सकता है।
इस अभियान को नशा मुक्ति अभियान के साथ भी जोड़ दिया
- डॉ प्रवीण मल्होत्रा ने बताया कि उन्होंने काले पीलिया के इस अभियान को नशा मुक्ति अभियान के साथ भी जोड़ दिया है क्योंकि जिन 38000 काले पीलिये के मरीजों का पंजीकरण किया गया उनमें एक तिहाई से अधिक मरीज धूम्रपान ,नशा,शराब का सेवन करते थे और अब करीब 80% मरीज नशे को त्याग चुके हैं।
- डॉ प्रवीण मल्होत्रा ने आमजन से अपील करते हुए कहा कि हमें अपने लिवर को फिट रखने के लिए नशे से दूर रहना चाहिए, मोटापे से बचने के लिए तली हुई चीज, मीठा, चिकने वह मैदे से बनी हुई चीज कम से कम खानी चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें काले पीलिये के इलाज में किसी झाड़ फूंक के चक्कर में ना पड़कर उनके विभाग या किसी भी सरकारी अस्पताल में अच्छे चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए। डॉ मल्होत्रा ने कहा कि उनका विभाग कुलपति डॉक्टर एच के अग्रवाल, निदेशक डॉक्टर एस के सिंघल, चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर कुंदन मित्तल के दिशा निर्देशन में मरीजों को अधिक से अधिक सुविधाएं उपलब्ध करवाने का प्रयास कर रहा है, जिसके लिए वे हरियाणा सरकार का भी तहे दिल से धन्यवाद व्यक्त करते हैं।
- कुलपति डॉ एच के अग्रवाल, निदेशक डॉ एस के सिंघल तथा चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर कुंदन मित्तल ने कहा की हमें मरीजों के हित में अधिक से अधिक रिसर्च करनी चाहिए और वह डॉक्टर प्रवीण मल्होत्रा, स्त्री रोगी विभाग ,कम्युनिटी मेडिसिन विभागाध्यक्ष व माइक्रो बायोलॉजी विभाग की टीम को रिसर्च करने के लिए बधाई देते हैं।

