शांतिप्रकाश जैन.रोहतक : शहर के विभिन्न हिस्सों में आवारा पशुओं का उत्पात बढने से नागरिक स्वयं को असुरक्षित समझने लगे है। आवारा कुत्तों और बंदरों की लगातार संख्या बढ़ने से लोगों में दहशत का माहौल बन गया है।
गत सांय झज्जर रोड पर एक कुत्ते ने लगभग एक दर्जन लोगों को काटकर घायल कर दिया। जिन्होंने निजी और सरकारी अस्पतालों में जाकर अपना इलाज करवाया। बाद में लोगों की शिकायत पर कुत्ते को निगम कर्मचारी पकड़ कर ले गए। नगर निगम ने कुत्तों की संख्या कम करने के लिए कुत्तों की नसबंदी की मुहिम छेड़ी हुई है। नसबंदी से कुत्तों की संख्या पर नियंत्रण तो पाया जा सकता है लेकिन कुत्तों की काटने की प्रवृति को किस प्रकार रोका जाए यही सबसे बड़ा प्रश्न लोगों के समक्ष बना हुआ है।
शहर में बंदर काफी संख्या में बढ़ गए है और लोगों को घायल करने की घटनाएं बढ़ रही है। यही नहीं अगर कमरा खुला रह जाए तो कमरे में खुले सामान को तो बंदर खुर्द मुर्द करते ही है साथ ही फ्रिज का दरवाजा खोलकर उसमें रखे सामान को भी खाने के साथ नष्ट भी करते है। इससे नागरिकों की आर्थिक हानि तो होती ही है साथ ही परेशानी भी बढ़ती है। नगर निगम ने बंदरों को पकड़ने का कई बार ठेका छोड़ा है लेकिन बंदरों की संख्या पर नियंत्रण नहीं पाया जा सका। बंदरों के घायल करने पर भी घायल को पूर्ण चिकित्सा करानी आवश्यक होती है। लेकिन घायल लोग पुराने टोटके अपनाकर अपना इलाज करते है जो कि खतरनाक होता है।
शहर में आवारा पशुओं जैसे गाय, सांड, गधा, घोडा आदि घूमते दिखाई देते है जिससे वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो जाते है। कई बार आवारा पशु सड़क पर चलने वाले यात्री को भी अपनी चपेट में लेकर घायल कर देते है। कई बार देखने को मिला है कि आवारा सांड या गाय राहगीर को अपने सींग से उठाकर पटक देते हैं। जिससे राहगीर गंभीर रूप से घायल हो जाता है।
वहीं लोगों ने लोगों ने नगर निगम प्रशासन से मांग करते हुए कहा कि जल्द से जल्द इन आवारा कुत्तों और पशुओं की समस्या से निजात दिलाई जाए।