रोहतक : पंडित भगवत दयाल शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय (PGIMS) के धनवंतरी एपेक्स ट्रॉमा सेंटर में सड़क दुर्घटना से घायल होकर आने वाले मरीजों के लिए राहत भरी खबर है। अब उन्हें इलाज उपलब्ध करवाने के लिए ट्रॉमा सेंटर की शुरूआत में ही एक आयुष्मान मित्र कक्ष स्थापित किया गया है।
शुक्रवार को पीजीआईएमएस के निदेशक डाॅ.एस.के. सिंघल ने रिब्बन काटकर इस कक्ष का उद्घाटन किया। ट्रामा सेंटर में स्कीम को लागू करने में ट्रॉमा सेंटर के इंचार्ज डॉक्टर राजेश रोहिल्ला की अहम भूमिका है।इस योजना का नोडल अफसर ट्रॉमा सेंटर के डीएमएस डॉ पंकज छिक्कारा को बनाया गया है।
इस योजना के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए निदेशक डॉक्टर एस के सिंघल ने बताया कि हरियाणा में सड़क हादसे में घायल होकर 24 घंटे के अंदर ट्रॉमा सेंटर में आने वाले लोगों को अब डेढ़ लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज मिलेगा। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के आदेश पर यह पहल संस्थान में शुरू की गई है। उन्होंने बताया कि पहले मरीजों को अपनी डाटा अपलोड करवाने के लिए इधर-उधर जाना पडता था, जिससे कई बार उन्हें परेशानी का सामना करना पडता था। आज इस आयुष्मान मित्र कक्ष के स्थापित होने से मरीजों को काफी राहत मिलेगी और वें आसानी से एक जगह से अपना डाटा अपलोड करवा सकेंगे।
डाॅ. सुरेश सिंघल ने बताया कि इस व्यवस्था के अंतर्गत जैसे ही कोई सड़क दुर्घटना का मरीज ट्रॉमा सेंटर में पहुंचता है तो जीडीएमओ उसकी ई पोर्टल पर जानकारी भरेगा और एक आम मरीज की तरह वह भर्ती हो जाएगा। इसके पश्चात ट्रांजैक्शन मैनेजमेंट सिस्टम पोर्टल पर इस कक्ष से मरीज की एक आईडी बनाई जाएगी। आईडी बनने के बाद वह फाइल पर लिखी जाएगी।
पुलिस को छह घंटे में पुष्टि करनी होगी कि व्यक्ति सड़क हादसे में घायल है या नहीं
ट्रामा सेंटर के इंचार्ज डॉक्टर राजेश रोहिल्ला ने बताया कि सड़क हादसे में घायल व्यक्ति का डेटा सॉफ्टवेयर में अपलोड कर अस्पताल संबंधित पुलिस थाने को भेजेगा। पुलिस को छह घंटे में पुष्टि करनी होगी कि व्यक्ति सड़क हादसे में घायल है या नहीं। पुष्टि होने के बाद अब घायल व्यक्ति को कैशलेस इलाज की सुविधा दी जाएगी, इसके लिए फार्मासिस्ट विशेष रूप से नियुक्त किया गया है। डॉ एस के सिंघल ने बताया कि इस योजना का कार्य ट्रॉमा सेंटर के इंचार्ज डॉक्टर राजेश रोहिल्ला की देखरेख में रहेगा।
डाॅ. राजेश रोहिल्ला ने बताया की स्कीम के तहत डेढ़ लाख रुपए तक का कैशलेस इलाज या 7 दिनों तक अस्पताल में चलने वाले इलाज का खर्च संस्थान अपनी तरफ से करेगा और मरीज के परिजनों को एक पैसा भी अपनी तरफ से खर्च नहीं करना पड़ेगा। डीएमएस डॉ पंकज छिक्कारा ने बताया कि इस योजना के लिए सभी संबंधित चिकित्सकों को पूर्ण पूर्ण जानकारी उपलब्ध करवा दी गई है।