दिल्ली: संसद के शीतकालीन सत्र में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के खिलाफ विपक्षी सांसदों ने आज राज्यसभा में अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस पेश किया है। राज्यसभा के सभापति के कामकाज से नाराज विपक्ष होकर अविश्वास प्रस्ताव लेकर आए हैं।इस अविश्वास प्रस्ताव में कुल 71 सांसदों के हस्ताक्षर हैं।
इन सबके बीच दिलचस्प बात यह है कि इंडिया गठबंधन का हिस्सा कहे जाने वाली टीएमसी ने सदन से वॉकआउट कर दिया है। ममता बनर्जी की पार्टी की तरफ से इसपर कोई भी फैसला नहीं लिया गया है। हालांकि अंक गणत की बात करें तो विपक्ष के पास उतने नंबर नहीं हैं कि वह धनखड़ को उनके पद से हटा दे।
इस प्रस्ताव में सभापति पर सदन में पक्षपातपूर्ण कामकाज का आरोप लगाया गया है। विपक्ष ने अनुच्छेद 67(बी) के तहत अविश्वास प्रस्ताव पेश किया है। अविश्वास प्रस्ताव के संबंध में करीब 71 सांसदों ने हस्ताक्षर किए हैं। कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी और अन्य कई छोटे दल इस प्रस्ताव को लेकर एकजुट हैं।
बता दें कि इस प्रस्ताव के लिए संविधान के अनुच्छेद 67(B) के तहत 14 दिन का नोटिस देना होता है। प्रस्ताव पास होने के लिए राज्यसभा और लोकसभा दोनों में बहुमत चाहिए, जो विपक्ष के लिए मुश्किल है। कांग्रेस और अन्य दलों को लगता है कि इस प्रस्ताव से INDIA गठबंधन को एकजुट करने में मदद मिलेगी, जो अभी दोनों सदनों में बंटा हुआ है।
वहीं, कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह ने कहा था, विपक्ष लगातर सदन चलाने की मांग कर रहा है, लेकिन सभापति धनखड़ सत्ता पक्ष को सदन में गतिरोध पैदा करने का मौका दे रहे थे। उन्होंने कहा कि ये पक्षपाती रवैया लोकतंत्र के खिलाफ है। वहीं, राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी कहा था कि ऐसा कर लोकतंत्र की हत्या नहीं की जानी चाहिए।