रोहतक : उपायुक्त धीरेंद्र खड़गटा ने जिला के शहरी व ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में पानी की स्टोरेज क्षमता बढ़ाने के लिए एक्शन प्लान तैयार करने के निर्देश दिए हैं। उपायुक्त गुरुवार सायं पेयजल की उपलब्धता को लेकर अधिकारियों की बैठक को संबोधित कर रहे थे।
उपायुक्त ने बैठक में एक-एक करके शहरी व ग्रामीण क्षेत्र के उन इलाकों के बारे में रिपोर्ट प्राप्त की जहां पर पानी की किल्लत है। उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि जब तक पेयजल की समस्या का स्थाई समाधान नहीं हो जाता तब तक संबंधित क्षेत्र में पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए सभी वैकल्पिक उपाय किए जाएं। उन्होंने सिंचाई विभाग, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण तथा नगर निगम के अधिकारियों से अलग-अलग नक्शों के माध्यम से पेयजल के वितरण के बारे में जानकारी ली और दिशा-निर्देश जारी किए।
उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि पेयजल वितरण को लेकर उपरोक्त विभाग एक संयुक्त नक्शा तैयार करें ताकि पेयजल की क्षमता बढ़ाने के लिए तुरंत प्रभाव से आगामी कार्रवाई की जा सके। बैठक में अधिकारियों ने बताया कि नगर के कौन-कौन से क्षेत्र में पेयजल की समस्या है। उपायुक्त ने इस समस्या के समाधान के बारे में अधिकारियों से जानकारी ली और दिशा निर्देश जारी किए।
उपायुक्त ने कहा कि संबंधित क्षेत्र में टयूबवैल लगाने के लिए डी प्लान से 25 लाख रुपए की राशि जारी की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसे स्थान चिन्हित किया जाए जहां पर वाटर स्टोरेज टैंक बनाए जा सकते हैं। इसी प्रकार से उन्होंने जरूरी स्थान पर बूस्टर बनाने के लिए भी स्थान चिन्हित करने के निर्देश दिए। शहरी क्षेत्र का जिक्र करते उपायुक्त ने कहा कि कुछ ऐसे क्षेत्र है जिनकी जल आपूर्ति के लिए जल घर को बदला जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि रोहतक नगर में मौजूदा समय में चार जल घर है और एक अन्य जल घर निर्माणाधीन है। उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि पानी की लीकेज की समस्या का समाधान करने के लिए संबंधित विभाग अलग से नियंत्रण कक्ष बनाकर अधिकारियों व कर्मचारियों की जिम्मेदारियां निर्धारित करें।
उपायुक्त ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों से जवाहर लाल नेहरू कैनाल, भालोट डिस्ट्रीब्यूटर ब्रांच व दुल्हेड़ा डिस्ट्रीब्यूटर आदि के बारे में जानकारी ली और दिशा निर्देश जारी किए है।
बैठक में सिंचाई, जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी, बिजली निगम, नगर निगम व राजस्व विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।