Navratri Bhog: चैत्र नवरात्रि का हर दिन भक्तों के लिए बहुत खास होता है. इस साल 30 अप्रैल 2025 से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हो रही है. इन दिनों मां दुर्गा के नौ स्वरुपों की पूजा की जाती है. जो सच्चे मन से मां की पूजा करता है और उन्हें भोग लगाता है मां उनकी हर इच्छाओं को पूरा करती है. मां के अलग-अलग नौ स्वरुपों को भोग भी अलग-अलग लगाया जाता है.
चैत्र नवरात्रि के नौ दिन मां को लगने वाले भोग (Navratri Bhog)
पहले दिन- नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है. मां शैलपुत्री को गाय के घी से बने व्यंजनों का भोग लगाना चाहिए. इससे रोग और बीमारियों से मुक्ति मिलती है.
दूसरे दिन- चैत्र नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा होती है. मां ब्रह्मचारिणी को शक्कर का भोग लगाने से दिर्घायु होने का वरदान प्राप्त होता है.
तीसरे दिन- तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है. मां चंद्रघंटा को दूध या दूध से बनी मिठाई का भोग लगाने से धन प्राप्ति के योग बनते हैं. जीवन में आपका मान-सम्मान बढ़ता है.
चौथे दिन- चैत्र नवरात्रि का चौथा दिन मां कूष्मांडा को समर्पित है. इस दिन मां को मालपुआ का भोग लगाया जाता है. मालपुआ का भोग लगाने से बौद्धिक विकास होता है. जीवन के हर निर्णयों को लेने की क्षमता बढ़ती है.
पांचवे दिन- नवरात्रि का पांचवा दिन मां स्कंदमाता को समर्पित है. मां स्कंदमाता को केले का भोग अर्पित किया जाता है. केले का भोग लगाने से मुरादें जल्दी पूरी होती हैं.
छठे दिन- चैत्र नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा अर्चना की जाती है. इस दिन मां को शहद का भोग लगाना चाहिए. इससे सुख के साथ-साथ सौंदर्य की प्राप्ति होती है.
सातवें दिन- नवरात्रि के सातवे दिन मां कालरात्रि के स्वरुप की पूजा होती है. इस दिन मां को गुड़ से बनी हुई वस्तुओं का भोग लगाना चाहिए. इससे रोग और शोक से मुक्ति मिलती है. साथ ही परिवार में खुशहाली बनी रहती है.
आठवें दिन- नवरात्रि की महाअष्टमी पर मां दुर्गा के अष्टम स्वरूप मां महागौरी की पूजा की जाती है. इस दिन खास तौर पर नारियल का भोग लगता है. मान्यता है इससे सांसारिक सुख मिलता है.
नवमी- चैत्र नवरात्रि के आखिरी दिन महानवमी पर मां सिद्धिदात्री को पूजा में हलवा, पूड़ी, चना के सब्जी का भोग लगता है. सुख-समृद्धि और सिद्धियां प्राप्ति के लिए इस दिन हवन, कन्या पूजन भी करना चाहिए.