हरियाणा में अब नर्सिंग कॉलेज छात्रों से मनमाना शुल्क वसूल नहीं पायेंगे. अब चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान विभाग ने नए शैक्षिक सत्र के लिए नर्सिंग, फिजियोथेरेपी और पैरामेडिकल कोर्सों के लिए शुल्क निर्धारित कर दिया है. ऐसे में कोई भी नर्सिंग कॉलेज छात्रों से सरकार द्वारा निर्धारित मानदंडों से ज्यादा फीस नहीं ले पायेगा.
इस संबंध में चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा ने आदेश जारी किया है. आपको बता दें कि पंडित भगवत दयाल शर्मा यूनिवर्सिटी से संबद्ध निजी संस्थानों को 50 प्रतिशत सीटें स्टेट कोटे के लिए आरक्षित रहेंगी. पीजी कोर्स में स्टेट कोटे की 40 प्रतिशत सीटें हरियाणा में कार्यरत युवाओं के लिए रहेंगी.
ये भी पढ़ें- जानिए हरियाणा-पंजाब में कब खत्म होगा लू का सितम
हरियाणा के नर्सिंग कॉलेजों में बीएससी नर्सिंग, पोस्ट बेसिक बीएससी नर्सिंग, एमएससी नर्सिंग, नर्स प्रेक्टिसनर क्रिटिकल केयर प्रोग्राम, बेचलर इन फिजियोथेरेपी (बीपीटी), मास्टर इन फिजियोथेरेपी (एमपीटी) के साथ ही पैरामेडिकल कोर्स में शामिल बीएससी रेडियोथेरेपी टेक्नोलॉजी, बीएससी रेडियोलॉजी एंड इमेजिंग टेक्नोलॉजी, बैचलर आफ ओप्टोमेटरी, बीएससी परफ्यूजन टेक्नोलॉजी, बीएससी ऑपरेशन थियेटर, बीएससी मेडिकल लेबोरेटरी टेक्नोलॉजी के लिए शुल्क निर्धारित किया गया है.
सरकारी नर्सिंग कॉलेजों की फीस इस प्रकार है-
कोर्स का नाम | कुल शुल्क (रुपये में) |
बीएससी नर्सिंग | 24,140 |
पोस्ट बेसिक बीएससी नर्सिंग | 29,640 |
एमएससी नर्सिंग तथा नर्स प्रैक्टिसनर क्रिटिकल केयर प्रोग्राम | 35,140 |
बैचलर इन फिजियोथेरेपी | 24,125 |
मास्टर इन फिजियोथेरेपी | 30,250 |
पैरामेडिकल कोर्स | 12,415 |
प्राइवेट नर्सिंग कॉलेजों की फीस इस प्रकार है-
कोर्स का नाम | वार्षिक ट्यूशन फीस (रुपये में) | लाइब्रेरी शुल्क | खेल एवं चिकित्सा शुल्क | इंटरनेट चार्ज | हॉस्टल शुल्क | उपकरण एवं मरम्मत चार्ज |
बीएससी नर्सिंग और पोस्ट बेसिक बीएससी नर्सिंग | 60,000 (पांच प्रतिशत की वार्षिक बढ़ोतरी के साथ) | 3000 | 2000 | 1000 | 60,000 | 2500 |
बैचलर इन फिजियोथेरेपी | 60,000 (पांच प्रतिशत की वार्षिक बढ़ोतरी के साथ) | 3000 | 2000 | 1000 | 60,000 अधिकतम | 2500 |
एमएससी नर्सिंग | 75,000 (पांच प्रतिशत की वार्षिक बढ़ोतरी के साथ) | 3000 | 2000 | 1000 | 60,000 अधिकतम | 2500 |
मास्टर इन फिजियोथेरेपी | 1,00,000 (पांच प्रतिशत की वार्षिक बढ़ोतरी के साथ) | 3000 | 2000 | 1000 | 60,000 | 2500 |