भारत में 2024 में डीमैट खातों की संख्या में एक बड़ी वृद्धि देखने को मिली है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष में लगभग 46 मिलियन नए डीमैट खाते खोले गए, जो प्रति माह औसतन 3.8 मिलियन खातों की वृद्धि को दर्शाता है। एनएसडीएल और सीडीएसएल के आंकड़ों के अनुसार, 2023 की तुलना में नए डीमैट खातों में 33 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है, जिससे अब देश में कुल डीमैट खातों की संख्या 185.3 मिलियन हो गई है।
कोरोना महामारी के बाद से डीमैट खातों की संख्या में तेजी से वृद्धि देखी जा रही है, और इसकी प्रमुख वजहों में खाता खोलने की सरल प्रक्रिया, स्मार्टफोन का बढ़ता उपयोग और बेहतर बाजार रिटर्न शामिल हैं। 2019 में जहां डीमैट खातों की संख्या 39.3 मिलियन थी, वहीं पिछले पांच वर्षों में यह संख्या चार गुना बढ़कर 185 मिलियन हो गई है।
2024 के पहले नौ महीनों में, सेकेंडरी मार्केट में लाभ और रिकॉर्ड आईपीओ के चलते 36 मिलियन नए डीमैट खाते जोड़े गए। इसके अलावा, 2021 से हर साल औसतन 3 करोड़ नए डीमैट खाते खोले जा रहे हैं, और इनमें से लगभग हर चार में से एक महिला निवेशक है, जो पूंजी बाजार में निवेश के बढ़ते चलन को दिखाता है।
पिछले 10 वर्षों में डीमैट खातों की संख्या में अभूतपूर्व उछाल आया है। अगस्त 2024 तक भारत में 17.10 करोड़ से अधिक डीमैट खाते खोले जा चुके हैं, जबकि 2014 में यह संख्या केवल 2.3 करोड़ थी। इस दौरान डीमैट खातों की संख्या में 650 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई है।