Bihar Vehicle Rule: यदि आप बिहार की सड़कों पर दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मुंबई या फिर अन्य किसी राज्यों की गाड़ी चला रहे हैं तो सावधान हो जायें. ऐसे वाहनों पर नकेल कसने के लिए बिहार परिवहन विभाग ने पूरी तैयारी कर ली है. यदि आपने मोटर व्हीकल एक्ट 1988 के नियमों का पालन नहीं किया, तो आपकी गाड़ी किसी भी वक्त जब्त हो सकती है. प्रत्येक साल 20-25 हजार गाड़ियां दूसरे राज्यों से बिहार में आती है. केवल 5 प्रतिशत मालिक ही इनका रजिस्ट्रेशन करवाते हैं.
Bihar Vehicle Rule: जानिए क्या है दूसरे राज्य में गाड़ी चलाने का नियम
बिहार में दूसरे राज्य की गाड़ी चलाने के लिए कुछ नियम हैं जिनके बारें में आपको जानना जरुरी है. इस नियम के मुताबिक यदि आप बिहार के जिस जिले में गाड़ी चला रहे हैं, वहां के संबंधित डीटीओ को सात दिनों के भीतर जानकारी देनी होगी और दूसरे राज्य से एनओसी लेकर फिर से बिहार में पंजीकरण करानी होती है. आपको यहां ध्यान यह देना होगा कि केवल 5 प्रतिशत गाड़ी मालिक ही अपने वाहन का पंजीकरण करवा रहे हैं. परिवहन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार हर साल 20 से 25 हजार गाड़ियां दूसरे राज्यों से बिहार के अलग-अलग जिलों में आती हैं. इसमें एक हजार ही गाड़ियों की सूचना संबंधित जिले के परिवहन कार्यालय में दी जाती है. बाकी गाड़ी बिना सूचना के राज्य की सड़कों पर दौड़ती हैं. जिसके बाद परिवहन विभाग अब एक्टिव हो गया है. यदि गाड़ी 12 महीने से ज्यादा समय से बिहार में चल रही है और रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ, तो उसे जब्त किया जा सकता है.
हर जिले के DTO में गैर-बिहार गाड़ियों का डिजिटल डेटाबेस तैयार
बिहार परिवहन विभाग ने गैर-बिहार गाड़ियों की पहचान के लिए अब आधुनिक तकनीक का सहारा ले लिया है. टोल प्लाजा और शहरों में लगे सीसीटीवी कैमरे, जो ऑटोमेटेड नंबर प्लेट रिकग्निशन सिस्टम से लैस हैं, इन गाड़ियों की नंबर प्लेट स्कैन करते हैं. इसके लिए हर जिले के DTO में गैर-बिहार गाड़ियों का डिजिटल डेटाबेस तैयार किया जा रहा है, जिसमें गाड़ी का रजिस्ट्रेशन नंबर, मालिक का नाम, और बिहार में प्रवेश की तारीख दर्ज की जाती है. यदि गाड़ी के मालिक ने नियमों का पालन नहीं किया, तो पहले कारण बताओ नोटिस जारी होगा गैर-कानूनी गाड़ियों पर भारी जुर्माना भी लग सकता है, जिसमें रोड टैक्स का दोगुना या तीन गुना तक वसूला जा सकता है.