AI Robot: अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का दौर आने वाला है. कई कंपनियों के द्वारा इसका इस्तेमाल किया जा रहा है. भविष्य में हर क्षेत्र में बढ़ चढ़कर इस तकनीकी का इस्तेमाल किया जाएगा. आजकल एआई का इस्तेमाल पढ़ाई और स्वास्थ्य के क्षेत्र में नए-नए खोज करने में किया जा रहा है. टेक्नोलॉजी के क्षेत्र के दिग्गज एलन मस्क का कहना है कि आने वाले वक्त में रोबोट्स न केवल सर्जनों की मदद करेंगे बल्कि उन्हें पछाड़ भी देंगे. उनका कहना है कि पांच सालों के भीतर एआई इंसानी सर्जनों से बेहतर सर्जन बन जायेंगे.
AI Robot: पांच सालों में ह्यूमन सर्जनों से आगे निकल जायेंगे रोबोट सर्जन
सोशल मीडिया साइट एक्स पर मारियो नाफल की एक पोस्ट का जवाब देते हुए एलन मस्क ने लिखा, “कुछ सालों में रोबोट अच्छे सर्जनों को और पांच साल में सर्वश्रेष्ठ सर्जनों को पीछे छोड़ देंगे.” आपको बता दें कि यह टिप्पणी Medtronic की Hugo रोबोटिक-असिस्टेड सर्जरी (RAS) सिस्टम पर बेस्ड एक रिपोर्ट के संदर्भ में आयी है. Hugo ने हाल ही में प्रोस्टेट, किडनी और ब्लैडर जैसी जटिल यूरीनरी सर्जरी में शानदार प्रदर्शन करते हुए 137 सफल ऑपरेशन किए. इन ऑपरेशनों में जटिलता का स्तर नॉर्मल सर्जरी के मुकाबले कहीं कम रहा. रिपोर्ट के अनुसार, Hugo ने 98.5 प्रतिशत सफलता दर हासिल की जबकि शुरुआती लक्ष्य केवल 85 प्रतिशत था. केवल दो मामलों में पारंपरिक सर्जरी का सहारा लेना पड़ा, एक बार मशीन में खराबी के कारण और दूसरी बार एक जटिल मरीज के केस में.
Robots will surpass good human surgeons within a few years and the best human surgeons within ~5 years. @Neuralink had to use a robot for the brain-computer electrode insertion, as it was impossible for a human to achieve the required speed and precision. https://t.co/ipPhQK8z1j
— Elon Musk (@elonmusk) April 27, 2025
मोरिया नाफल ने कहा कि इसका मतलब यह नहीं कि कल से ही रोबोट सर्जन बन जाएंगे, लेकिन आपके अगले डॉक्टर के साथ रोबोट्स की मौजूदगी सहायक ज़रूर हो सकते हैं.
न्यूरालिंक क्या है
न्यूरालिंक एलन मस्क की कंपनी है. ये इंसानों के भीतर चिप डालकर उनकी क्षमताएं बढ़ाना चाहती है. यह कंपनी लकवाग्रस्त मरीजों में ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफेस का टेस्ट कर रही है, जिसमें R1 रोबोट मदद कर रहा है. इस प्रक्रिया में R1 रोबोट लगभग 15 मिनट में दिमाग में 64 पतले धागे डालता है, जो बहुत सटीकता से खून की नलियों के आसपास घूमता है. ये धागे इंसानी बाल से भी पतले होते हैं और न्यूरालिंक के इम्प्लांट के लिए जरूरी हैं. इस चिप से कंपनी दिमाग के संकेतों को वायरलेस तरीके से रिकॉर्ड और भेजना चाहती है.