Uttarakhand medicine selling: उत्तराखंड में अब आयुर्वेदिक दवाओं की ब्रिकी के लिए भी लाइसेंस लेना अनिवार्य होगा. भारतीय चिकित्सा परिषद उत्तराखंड की ओर से इस प्रस्ताव को तैयार किया गया है. अब जल्द ही इसे सरकारी स्तर पर लागू किए जाने की उम्मीद है. आमतौर पर एलोपैथी और होम्योपैथिक दवाओं की ब्रिकी के लिए लाइसेंस लेना अनिवार्य होता है लेकिन आर्युवेदिक दवाओं को बेचने के लिए लाइसेंस की जरुरत नहीं पड़ती है. ऐसे में कोई भी दुकानदार आसानी से आयुर्वेदिक दवा बेच सकता है.
Uttarakhand medicine selling: जल्द ही निर्णय पर लग सकती है मुहर
लंबे वक्त से आयुर्वेदिक फार्मेसी बेरोजगार इस व्यवस्था में बदलाव करने की मांग कर रहे थे. इसी मांग के आधार पर भारतीय चिकित्सा परिषद ने पूर्वे में आयुर्वेदिक दवाओं की ब्रिकी के लिए लाइसेंस व्यवस्था बनाने और प्रशिक्षित आयुर्वेदिक फार्मासिस्टों को ही जिम्मेदारी सौंपी जाने के संदर्भ में प्रस्ताव पारित किया था. परिषद के इस प्रस्ताव के बाद अब इसे लागू करने की कवायद शुरु हो गई है.
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, जल्द ही इस निर्णय पर मुहर लग सकती है. इस निर्णय से प्रदेश में आयुर्वेदिक दवाओं की ब्रिकी के लाइसेंस के तहत आने के साथ ही निगरानी भी संभव हो पाएगी.
फार्मेसी प्रशिक्षित बेरोजगारों को मिलेगा बड़ा लाभ
आपको बता दें कि वर्तमान में उत्तराखंड में तीन हजार से अधिक छोटी-बड़ी दुकानों पर आयुर्वेद की दवा बेची जाती है. वहीं प्रदेश में आयुर्वेदिक फार्मेसी प्रशिक्षतों की संख्या सात हजार से अधिक है. ऐसे में अगर नई व्यवस्था बनती है तो फार्मेसी प्रशिक्षित बेरोजगारों को बड़ा लाभ मिलेगा और उनका दवा लाइसेंस उनके काम आ सकेगा.