Monday, March 17, 2025
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राशन की दुकानों पर अब दिए जायेंगे बढ़िया क्वालिटी के चावल

Ration Rice Quality: आमतौर पर राशन की दुकानों पर निम्न गुणवत्ता वाले चावलों का वितरण किया जाता है. लेकिन अब केन्द्र सरकार की ओर से एक पायलट परियोजना की शुरुआत की जा रही है. इस परियोजना के तहत अब राशन की दुकानों पर अच्छी क्वालिटी के चावल दिए जायेंगे.

15 प्रतिशत टूट हुए चावल को अलग किया जाएगा (Ration Rice Quality)

पायलट परियोजना के अंतर्गत भारतीय खाद्य निगम (FCI) द्वारा प्रबंधित चावल के स्टॉक में टूटे हुए अनाज की हिस्सेदारी को मौजूदा 10 प्रतिशत से घटाकर 25 प्रतिशत किया जाएगा. अगर सरकार की यह परियोजना सफल रही तो सार्वजनिक वितरण प्रणाली में टूट हुए चावल की मात्रा कम होगी. 15 प्रतिशत टूटे हुए चावलों को अलग किया जाएगा. टूटे हुए चावल को अलग करने के बाद सीधे चावल मिलों से इथेनॉल बनाने के लिए डिस्टिलरी को बेचा जाएगा.

सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, केंद्र सरकार ने 31 अक्टूबर 2025 तक इथेनॉल के लिए FCI से 24 लाख टन चावल आवंटित किया है.  जब FCI चावल की सप्लाई 22.50 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से 25 प्रतिशत तक टूटे हुए चावलों के मिश्रण के साथ की जाती है, तो इससे चावल मिलों से कम लागत पर 100 प्रतिशत तक टूटे हुए चावल प्राप्त करके इसे बाजार में बेचने की संभावना बनी रहती है.

चावल की क्वालिटी में होगा सुधार 

भारतीय खाद्य निगम (FCI) की ओर से पंजाब, हरियाणा, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश की कुछ मिलों से कहा गया है कि वे हर एक राज्य में कस्टम मिल्ड राइस (CMR) के तहत प्रोसेस्ड किए जाने वाले 10,000 टन धान में से 15 प्रतिशत टूटे चावल को अलग करें. टूटे हुए चावल का 15 प्रतिशत हिस्सा सीधे  डिस्टिलरी को बेच दिया जाएगा.

 

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