Thursday, November 21, 2024
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हरियाणा में लागू हुई राष्ट्रीय शिक्षा नीति, देश भर से ट्रांसफर होकर आ सकेंगे शिक्षक

हरियाणा के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए राज्य सरकार की ओर से राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू की गई है। राज्य सरकार का इस नीति को लागू करने का उद्देश्य प्रदेश के हर सरकारी स्कूल में हर छात्र को पढ़ाने के लिए शिक्षक उपलब्ध हो। हरियाणा सरकार शिक्षकों की ऑनलाइन ट्रांसफर पॉलिसी को पूरे देश में लागू करेगी। इस नीति के लागू होने से अब देश के शिक्षक ट्रांसफर होकर हरियाणा में आ सकेंगे।

हरियाणा में राष्ट्रीय शिक्षा नीति

हरियाणा वो राज्य बन चुका है जहां देश के बाकी राज्यों के पहले राष्ट्रीय सिक्षा नीति को लागू किया गया है। प्रदेश सरकार राज्य  की शिक्षा प्रणाली में परिवर्तन को लेकर प्रयासरत है। साल 2025 के बाद हरियाणा में 12वीं क्लास के बाद चार वर्षीय बीएड पाठ्यक्रम की शुरुआत होगी। इस पाठ्यक्रम में स्नातक और बीएड की उपाधि समेकित रूप से प्रदान की जाएगी।

डिग्रीधारकों को  एचटीईटी (एचटेट) पास कर लेने के बाद उनकी भर्ती सीधी शिक्षक के तौर पर राज्य के स्कूलों में हो सकेगी। साथ ही साथ जीजेयू हिसार और दीनबंधु छोटू राम यूनिवर्सिटी मुरथल में हिंदी में यूजी लेवल पर इंजीनियरिंग कोर्स शुरू किए जायेंगे।

 1419 प्राथमिक संस्कृति माडल विद्यालय स्थापित 

हरियाणा में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के लागू होने से प्रदेश में 1419 प्राथमिक संस्कृति माडल विद्यालय स्थापित किए गए हैं। इनमें से कुल 147 माडल स्कूलों में सीबीएसइ बोर्ड के पाठ्यक्रम के अनुरूप छात्रों को अध्ययन की सुविधा प्रदान की गई है। साथ ही राज्य में 1415 क्लस्टर विद्यालयों की स्थापना की गई है। क्लस्टर विद्यालयों में साइंस की शिक्षा प्रदान की जायेगी।

उच्च शिक्षा के महत्व को देखते हुए प्रदेश सरकार नए कालेजों और विश्वविद्यालयों की स्थापना पर जोर दे रही है। प्रदेश में कुल 1240 कालेज और विश्वविद्यालय हैं। सरकार ने नौ वर्षों में 77 नए कालेजों और 14 नये विश्वविद्यालयों की स्थापना की है। तीन विश्वविद्यालयों में हिंदी भाषा में बीटेक पाठ्यक्रम शुरू किया जा चुका है। राज्य के तकनीकि शिक्षण संस्थानों में संचालित होने वाले इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम अब हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में पढ़ाए जायेंगे।

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