रोहतक।सांसद दीपेन्द्र हुड्डा कल यानी 20 फरवरी को दिन में 11:50 बजे हांसी स्टेशन से रेल में सवार होकर 13:30 बजे रोहतक स्टेशन पहुंचेंगे। उन्होंने कहा कि हांसी-महम-रोहतक नयी रेल लाईन का काम पूरा हुआ। इस प्रोजेक्ट की मंजूरी से लेकर शिलान्यास तक और फिर इसका काम पूरा होने तक वो लगातार इसकी फाईल का पीछा करते रहे। उनका इस प्रोजेक्ट से गहरा लगाव रहा है। इसी भावना के मद्देनजर उन्होंने तय किया कि इस नयी रेल लाइन पर रेल सेवा शुरु होने के बाद ट्रेन से यात्रा करें। दीपेन्द्र हुड्डा ने यह भी कहा कि इस नयी रेल लाइन पर ट्रेन में उनके साथ यात्रा में स्थानीय लोग शामिल होंगे तो उन्हें बेहद खुशी होगी।
दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि हांसी, महम और भिवानी के बीच में प्रस्तावित इंटरनेशनल एयरपोर्ट को अगर भाजपा सरकार हरियाणा से उठाकर यूपी नहीं ले जाती तो आज हरियाणा का नक्शा ही कुछ और होता। हमने बहुत मेहनत करके महम का इंटरनेशनल एयरपोर्ट और गोहाना की रेल कोच फैक्ट्री मंजूर कराई थी। भाजपा सरकार इन दोनों बड़ी परियोजनाओं को हरियाणा से बाहर ले गयी इस बात का मलाल मुझे जीवनपर्यन्त रहेगा। 10 वर्षों बाद भी डिफेंस यूनिवर्सिटी बिनौला(गुड़गाँव), रेल कोच फैक्ट्री (गोहाना), अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा महम, AIIMS 2 बाढ़सा में 10 राष्ट्रीय स्तर के स्वास्थ्य संस्थान आदि जो काफी बड़ी परियोजनाएं हैं वो इस सरकार के रडार पर ही नहीं है तो द्वारका एक्सप्रेसवे, परमाणु बिजली परियोजना(फतेहाबाद), ट्रिपल आई टी (IIIT) आदि परियोजनाओं का 10 वर्षों में उद्घाटन तक नहीं हो पाया है। उन्होंने कहा कि 2015 में घोषित AIIMS रेवाड़ी परियोजना का ही अब जाकर शिलान्यास हुआ है। AIIMS रेवाड़ी के लिए सरकार ने नाम मात्र का बजट आवंटित किया है जो पहले ही 10 साल की देरी झेल चुकी इस परियोजना के लिए नाकाफ़ी है। जाहिर है बीजेपी को हरियाणा के विकास से कोई लेना देना नहीं है। उसका मकसद चुनाव से पहले जनता को गुमराह करना है।
सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने मौजूदा प्रदेश सरकार की विकासहीन कार्यशैली पर निशाना साधते हुए कहा कि खट्टर सरकार 10 वर्ष के कार्यकाल के बाद इस चुनावी सीजन में भी पूर्ववर्ती हुड्डा सरकार के समय शुरू हुई परियोजनाओं में से ही एक आध का फ़ीता काट रही है। दीपेन्द्र हुड्डा ने यह भी कहा कि रोहतक-महम-हाँसी रेल परियोजना के उद्घाटन समारोह में उनको बोलने से रोकना सरकार की मंशा को स्पष्ट करता है कि वो इस सत्य को दबाना चाहती थी कि इस रेल परियोजना का काम उन्होंने UPA व हुड्डा सरकार की भागीदारी से 2011 में मंजूर कराया, 2012 में बजट दिलवाया और 2013 में इसका शिलान्यास कराकर काम भी शुरू कराया। यही नहीं, प्रदेश में सरकार बदलने के बाद जब इसे ठन्डे बस्ते में डाला गया तो कई बार उन्होंने धरना दिया और मुख्यमंत्री जी द्वारा फाइल खोने की बात कहने पर डाक से पूरी फाइल भेजी। दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि अगर बीजेपी सरकार इसमें जानबूझकर देरी नहीं करती तो इस नयी रेल लाइन पर वर्षों पहले ही रेलसेवा शुरू हो जाती। उन्होंने कहा कि हरियाणा के लोगों को सारी सच्चाई का पता है। दीपेन्द्र हुड्डा ने इस बात पर संतोष जताया कि जो काम उन्होंने शुरू किया था और पूरा कराने के लिए वर्षों का अथक संघर्ष किया वो अंततः पूरा हुआ।