रोहतक से सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि दस साल तक भर्तियों को लटकाने, भटकाने और युवाओं को कोर्ट के चक्कर कटवाने वाली बीजेपी अब जाते-जाते भी उन्हें बहकाने की कोशिश में लगी है। भर्तियों और कौशल निगम को लेकर बीजेपी द्वारा फर्जी वीडियो, मैसेज और झूठी ख़बरें फैलाई जा रही हैं। लेकिन कांग्रेस द्वारा बीजेपी के हरेक झूठ का तसल्ली से पर्दाफाश किया जाएगा।
दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि बीजेपी ने 5 साल तक कभी सीईटी के बहाने, तो कभी पेपर लीक करवाकर साजिश के तहत भर्तियों को चुनाव तक लटकाए रखा। युवाओं और विपक्ष की मांग के बावजूद सरकार ने भर्तियां पूरी नहीं की। एक महीने से भाजपा द्वारा लगातार झूठी घोषणाएं की गईं और इन घोषणाओं की पोल ना खुल जाए, इसलिए समय से पहले ही चुनाव का ऐलान करवा दिया और अपनी झूठी घोषणाओं को आचार सहिंता के नीचे दबा दिया। इसलिए बेरोजगार युवा बीजेपी को सबक सिखाने का मन बना चुके हैं। लेकिन युवाओं से माफी मांगने की बजाए, बीजेपी उन्हें बरगलाने में लगी है।
सांसद दीपेंद्र ने कहा कि युवाओं को बिलकुल भी हताश व निराश होने की आवश्यकता नहीं है। क्योंकि प्रदेश में जल्द ही कांग्रेस की सरकार बनने जा रही है और कांग्रेस मौजूदा सरकार की लटकी पड़ी तमाम भर्तियों को तत्परता के साथ पूरा करेगी। भर्तियों के लिए चयनित युवाओं को भी बिना देरी के ज्वाइनिंग दी जाएगी।
दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि युवा बीजेपी के बहकावे में ना आएं और पेपर की पूरी तैयारी रखें। क्योंकि कांग्रेस सरकार पहले ही साल 1 लाख नई भर्तियां करने जा रही है। तमाम भर्तियां पूरी तरह पेपर और योग्यता के आधार पर होंगी। इसके लिए पार्टी बाकायदा भर्ती विधान और जॉब कैलेंडर जारी करेगी। पेपर लीक और भर्ती माफिया को जड़ से खत्म करना कांग्रेस की प्रतिबद्धता है। ये तमाम कार्य पार्टी के घोषणापत्र में भी शामिल किए जाएंगे।
दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि कौशल निगम को लेकर भी बीजेपी द्वारा लगातार दुष्प्रचार किया जा रहा है। क्योंकि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने जैसे ही ऐलान किया कि कांग्रेस सरकार बनने पर कौशल निगम के तहत लगे कर्मियों को एक नियमित नीति बनाकर पक्का किया जाएगा। साथ ही उनके लिए बेहतर वेतन की व्यवस्था की जाएगी। हुड्डा साब के इस ऐलान के बाद बीजेपी के पैरों तले की जमीन निकल गई और उसने आनन-फानन में कौशल कर्मियों को नियमित करने का फर्जी ऐलान कर दिया। जबकि अगर बीजेपी सच में ऐसा कुछ करना चाहती तो उसके पास पूरे 5 साल थे। लेकिन उसने ऐसा नहीं किया।
जबकि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के दौरान मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने बाकायदा 3 साल और 10 साल की नीति बनाकर कच्चे कर्मचारियों को पक्का किया था। लेकिन बीजेपी ने ऐसी कोई नीति नहीं बनाई। बीजेपी सिर्फ जुबानी जमाखर्च करके कौशल कर्मियों की वोट हथियाना चाहती है। पक्की नौकरी देने का काम पहले भी कांग्रेस ने किया था और भविष्य में भी कांग्रेस ही करेगी।
मौजूदा सरकार ने सिर्फ कौशल निगम के तहत लगे युवाओं का शोषण किया है। क्योंकि कौशल कर्मियों के लिए ना कोई जॉब सिक्योरिटी है, ना उन्हें उचित वेतन दिया जाता, ना कोई पद और पदोन्नति मिलती, ना कोई पेपर या मेरिट बनाई जाती और ना ही आरक्षण लागू किया जाता। हमेशा युवा के सिर पर काम से निकाले जाने की तलवार लटकती रहती है। कांग्रेस इस डर को खत्म करने की नीति तैयार करेगी। साथ ही कांग्रेस ने स्पष्ट किया है कि मौजूदा कौशल कर्मियों को एडजस्ट करने के बाद भविष्य में ऐसी ठेकेदारी वाली कच्ची भर्तियों की प्रथा को बंद किया जाएगा और खाली पड़े 2 लाख पदों पर पक्की भर्तियां की जाएगी।