चण्डीगढ़ : हरियाणा विधानसभा में मानसून सत्र के दौरान तीन विधेयक पारित किए गए। इनमें हरियाणा विनियोग (संख्या 3) विधेयक, 2025, हरियाणा माल और सेवा कर (संशोधन) विधेयक, 2025 तथा हरियाणा नगरपालिका क्षेत्रों के बाह्य क्षेत्रों में अपूर्ण नागरिक सुखसुविधाओं तथा अवसंरचना का प्रबंधन (विशेष उपबंध) संशोधन विधेयक, 2025 शामिल हैं।
हरियाणा विनियोग (संख्या 3) विधेयक, 2025
मार्च, 2026 के इकतीसवें दिन को समाप्त होने वाले वित्त वर्ष 2025-26 के दौरान सेवाओं के लिए हरियाणा राज्य की संचित निधि में से कुल 4251,04,93,881 रुपये (केवल चार हजार दो सौ इक्यावन करोड़ चार लाख तिरानवे हजार आठ सौ इक्यासी रुपये) के भुगतान और विनियोग का प्राधिकार देने के लिए हरियाणा विनियोग (संख्या 3) विधेयक, 2025 पारित किया गया है।
हरियाणा माल और सेवा कर (संशोधन) विधेयक, 2025
हरियाणा माल और सेवा कर अधिनियम, 2017 को संशोधित करने के लिए हरियाणा माल और सेवा कर (संशोधन) विधेयक, 2025 पारित किया गया।
हरियाणा माल और सेवा कर 2017 (अधिनियम) को राज्य सरकार द्वारा माल या सेवाओं या दोनों की अंतःराज्य प्रदाय पर कर लगाने और संग्रह के प्रावधान के दृष्टिकोण के साथ अधिनियमित किया गया था।
जीएसटी परिषद् की सिफारिशों के आधार पर तथा वित्त अधिनियम, 2025 (2025 का केन्द्रीय अधिनियम 7) के द्वारा केन्द्रीय माल और सेवा कर अधिनियम, 2017 में किए गए संशोधनों की तर्ज पर हरियाणा माल और सेवा कर अधिनियम, 2017 में संशोधन का प्रस्ताव है।
इसमें ट्रैक और ट्रेस तंत्र के कार्यान्वयन के लिए अधिनियम की धारा 2 में नए खंड (116क) का रखा जाना ताकि ‘‘विशिष्ट पहचान चिह्नांकन’’ अभिव्यक्ति को परिभाषित किया जा सके, जिसका अभिप्राय ऐसे चिन्ह से है जो विशिष्ट, सुरक्षित और न हटाया जा सकने योग्य हो।
अधिनियम की धारा 17 की उप-धारा (5) के खंड (घ) में संशोधन करना ताकि ‘‘संयंत्र या मशीनरी’’ अभिव्यक्ति के स्थान पर ‘‘संयंत्र और मशीनरी’’ अभिव्यक्ति प्रतिस्थापित की जा सके, जिससे ऐसे मामलों में इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ उठाने के प्रयोजन के लिए समझने में किसी भी अस्पष्टता को दूर किया जा सके।
रजिस्ट्रीकृत प्राप्तिकर्ता द्वारा क्रेडिट नोट के संबंध में, यदि उसका लाभ उठाया गया हो, तो प्रदायकर्ता के उक्त क्रेडिट नोट के संबंध में कर दायित्व को कम करने के संबंध में इनपुट टैक्स क्रेडिट को रिवर्स करने की आवश्यकता का स्पष्ट रूप से प्रावधान करने के लिए अधिनियम की धारा 34 की उप-धारा (2) के नियम का संशोधन किया जाना।
ऐसे आदेश जिसमें कर की कोई मांग शामिल किए बिना जुर्माने की मांग शामिल हो, के विरुद्ध अपीलीय प्राधिकारी के समक्ष अपील दायर करने के लिए जुर्माना राशि का दस प्रतिशत पूर्व जमा करने की आवश्यकता का प्रावधान करने के लिए अधिनियम की धारा 107 की उप-धारा (6) के नियम का प्रतिस्थापित किया जाना। ट्रैक और ट्रेस तंत्र से संबंधित प्रावधान के उल्लंघन के लिए दंडात्मक प्रावधान करने हेतु अधिनियम में एक नई धारा 122ख का रखा जाना शामिल है।
अधिनियम में एक नई धारा 148क का रखा जाना जिससे निर्दिष्ट मालों के प्रदाय की प्रभावी निगरानी और नियंत्रण सुनिश्चित करने के लिए ट्रैक और ट्रेस तंत्र के कार्यान्वयन के लिए सक्षम प्रावधान किया जा सके।
अधिनियम की अनुसूची ।।। के पैराग्राफ 8 में नए खंड (कक) का जोड़ा जाना, जिससे यह निर्दिष्ट किया जा सके कि निर्यात या घरेलू टैरिफ क्षेत्र के लिए मंजूरी से पहले किसी व्यक्ति को विशेष आर्थिक क्षेत्र या मुक्त व्यापार भंडारण क्षेत्र में रखे गए माल के प्रदाय को न तो माल का प्रदाय और न ही सेवाओं का प्रदाय माना जाएगा।
हरियाणा नगरपालिका क्षेत्रों के बाह्य क्षेत्रों में अपूर्ण नागरिक सुखसुविधाओं तथा अवसंरचना का प्रबंधन (विशेष उपबंध) संशोधन विधेयक, 2025
हरियाणा नगरपालिका क्षेत्रों से बाह्य क्षेत्रों में अपूर्ण नागरिक सुखसुविधाओं तथा अवसंरचना का प्रबन्धन (विशेष उपबन्ध) अधिनियम, 2021 को संशोधित करने के लिए हरियाणा नगरपालिका क्षेत्रों के बाह्य क्षेत्रों में अपूर्ण नागरिक सुखसुविधाओं तथा अवसंरचना का प्रबंधन (विशेष उपबंध) संशोधन विधेयक, 2025 पारित किया गया।
हरियाणा नगरपालिका क्षेत्र से बाहर नागरिक सुविधाओं और अवसंरचना की कमी वाले क्षेत्रों का प्रबंधन (विशेष प्रावधान) अधिनियम 2021 राज्य के नगरपालिका क्षेत्रों से बाहर स्थित नागरिक सुविधाओं की कमी वाले क्षेत्रों में आवष्यक सेवाएं प्रदान करने के उद्देश्य से अधिनियमित किया गया था। इस अधिनियम का उद्देश्य राज्य के निवासियों के जीवन स्तर में सुधार लाना था। कुल 684 आवासीय कॉलोनियांे (अनधिकृत) को नियमित करने पर विचार किया गया था।
हरियाणा के मुख्यमंत्री ने अपने बजट भाषण के दौरान अनधिकृत औद्योगिक कॉलोनियों के नियमितीकरण की घोषणा की। इसमें ‘‘पिछले दस वर्ष में लगभग 2145 अनधिकृत आवासीय कॉलोनियों को भी अधिनियमित किया गया है। अब अनधिकृत औद्योगिक कॉलोनियों पर भी इसी प्रकार ध्यान देना होगा। इसलिए निर्णय लिया है कि यदि कम से कम 50 उद्यमी, जिनकी इकाइयाँ कम से कम 10 एकड़ सन्निहित भूमि पर स्थित हैं सामूहिक रूप से एक पोर्टल पर आवेदन करते हैं तो ऐसी सभी औद्योगिक इकाइयों को सभी विभागों द्वारा जाएगा तब तक वैध औद्योगिक इकाइयां माना जाएगा जब तक कि सरकार समूह के आवेदन पर अंतिम निर्णय नहीं ले लेती।’’
तदनुसार, उपरोक्त बजट घोषणा के अनुपालन में सरकार राज्य में विकसित अनधिकृत औद्योगिक प्रतिष्ठानों पर भी समान ध्यान देना चाहती है, ताकि इन प्रतिष्ठानों को बुनियादी नागरिक सुविधाएँ और बुनियादी ढांचा प्रदान किया जा सके। ऐसे क्षेत्रों में स्वस्थ वातावरण सुनिचित करने के लिए न्यूनतम बुनियादी ढांचा प्रदान करना राज्य सरकार का प्राथमिक उद्देश्य है। इसलिए उपर्युक्त के मद्देनजर, स्वस्थ कार्य वातावरण सुनिश्चित करने के लिए बुनियादी ढांचागत सुविधाएं प्रदान करने के लिए, यह प्रस्तावित है कि हरियाणा नगरपालिका क्षेत्र के बाहर नागरिक सुविधाओं और बुनियादी ढांचे की कमी वाले क्षेत्रों का प्रबंधन (विशेष प्रावधान) संशोधन विधेयक,2025 नामक एक विधेयक अधिनियमित किया गया है।