गरिमा टाइम्स न्यूज.रोहतक : नाबालिग खुलेआम यातायात नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। चार पहिया व दो पहिया वाहन इनके कब्जे में हैं। शहर में दोपहिया वाहनों पर नाबालिगों की तादात बढ़ती जा रही है।
आज के समय में ट्यूशन से लेकर अन्य जरूरतें इतनी बढ़ गई है कि नाबलिगों के हाथों में ही अभिभावक स्टेयरिंग थमाने लगे है। ऐसे में हादसे भी बढ़ रहे है। पुलिस ने इस माह में अभी तक अंडर ऐज में 18 मुकदमें दर्ज किए है। लेकिन उसके बाद भी इसमें कोई सुधार नहीं है।
शहर में इस समय नाबालिग बच्चे दोपहिया वाहनों को अंधाधुंध दौड़ाते देखे जा सकते हैं। इनमें अधिकांश स्कूली किशोर बच्चे हैं जो खासकर संपन्न परिवारों से हैं । उनके पालकों ने बिना मोटर व्हीकल की औपचारिकता पूरी किए बिना वाहन थमा दिए हैं। यह बाइक को मनचाही भगा तो पाते हैं,लेकिन उसको कंट्रोल नहीं कर पाते हैं। जिससे हादसे होते रहते हैं। इतना ही नहीं बेलगाम गति से दौड़ते वाहन चालक खुद तो घायल होते हैं, वहीं लोगों को भी चोटिल भी कर रहे हैं। शहर की अधिकतर सड़कों और गलियों पर बिना नंबर तथा बिना लाइसेंस के वाहन चलाते हुए लोगों को देखा जा सकता है। इस पर ट्रैफिक पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही हैं।
तेज गति से दौड़ते वाहनों में दोपहिया ही नहीं बल्कि कार,जीप, ट्रैक्टर भी शामिल हैं। सवारियां और स्कूली बच्चों से भरे होने के बावजूद गति कम करना अपनी शान के खिलाफ समझते हैं। जिससे वे रास्ते में या मोड़ पर किसी को भी टक्कर मार देते हैं। स्कूल, कालेज और ट्यूशन या कहीं और आते-जाते समय इनकी गति ऐसी होती है जैसे वे किसी जरूरी मिशन पर जा रहे हैं।