Friday, October 18, 2024
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हर साल में दो बार होगी बोर्ड की परीक्षाएं, सरकार का बड़ा ऐलान

Ministry Of Education: शिक्षा के क्षेत्र में मिनिस्टरी एजुकेशन (Ministry Of Education) की ओर से बड़ा फैसला लिया गया है। केंद्र सरकार (Central government) ने बड़ा फैसला लेते हुए ये ऐलान  कर दिया है कि अब साल (Years) में एक बार होने वाली बोर्ड (Board) की परिक्षाओं (Exam) को दो बार (twice) कर दिया गया है।

दो बार होगी बोर्ड की परीक्षाएं : Ministry Of Education

साल में सभी बोर्ड की ओर से एक बार ही परीक्षा आयोजित की जाती है। शिक्षा मंत्रालय ने नए एग्जाम पैटर्न आधारित बोर्ड परीक्षाएं छात्रों की विषयों को लेकर समझ और प्रतिस्पर्धात्मक उपलब्धियों का मूल्यांकन करेंगी।  छात्र-छात्राओं को सर्वश्रेष्ठ अंक बरकरार रखने की इजाजत होगी। शिक्षा मंत्रालय के नये पाठ्यक्रम ढांचे के तहत बोर्ड परीक्षाएं महीनों की कोचिंग और रट्टा लगाने की क्षमता के मुकाबले छात्र-छात्राओं की समझ और दक्षता के स्तर का मूल्यांकन करेंगी।  साल में दो बार परीक्षा के आयोजन के बाद वही नम्बर फाइनल माने जाएंगे, जो अच्छे होंगे।

छात्रों को दो भाषाओं का करना होगा अध्ययन 

शिक्षा मंत्रालय के नए पाठ्यक्रम के खाके के अंतर्गत कक्षा 11 और 12 के छात्र-छात्राओं को दो भाषाओं (two languages) का अध्ययन करना होगा, इनमें से कम से कम एक भाषा भारतीय होनी चाहिए। छात्र-छात्राओं को इन क्लासों में अपने पसंद के सब्जेक्ट सेलेक्ट करने की छूट मिलेगी। राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा निरीक्षण और एनएसटीसी समिति की संयुक्त कार्यशाला के दौरान केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि कस्तूरीरंगन के मार्गदर्शन में संचालन समिति ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के लिए पाठ्यक्रम तैयार किया है।

नई शिक्षा नीति में हुए ये बदलाव 

 

1. बोर्ड परीक्षाएं (Board exams) साल में दो बार आयोजित की जाएंगी और छात्रों को सर्वश्रेष्ठ स्कोर चुनने की अनुमति दी जाएगी।
2. बोर्ड परीक्षाएं महीनों की कोचिंग और याद करने के बजाय विषय की समझ का आकलन करेंगी।
3. कक्षा 11,12 में विषयों का चयन केवल स्ट्रीम तक ही सीमित नहीं रहेगा, छात्रों को चयन की आज़ादी मिलेगी।
4. कक्षा 11, 12 के छात्रों को दो भाषाएँ पढ़नी होंगी, कम से कम एक भाषा भारतीय होनी चाहिए।
5. इसके अतिरिक्त, 2024 शैक्षणिक सत्र के लिए पाठ्यपुस्तकें विकसित की जायेगी। क्लास में पाठ्यपुस्तकों को ‘कवर’ करने की वर्तमान प्रथा से बचा जाएगा, पाठ्यपुस्तकों की लागत को अनुकूलित किया जाएगा।
6. स्कूल बोर्ड उचित समय में ‘ऑन डिमांड’ परीक्षा की पेशकश करने की क्षमता विकसित करेंगे।
7. बोर्ड परीक्षा परीक्षण डेवलपर्स, मूल्यांकनकर्ताओं (Board exam test developers, evaluators) को यह काम करने से पहले विश्वविद्यालय-प्रमाणित (university-certified courses) पाठ्यक्रमों से गुजरना होगा।

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