हरियाणा में सोमवार को विशेषकर पश्चिमी जिलों हिसार भिवानी महेंद्रगढ़ रेवाड़ी में झमाझम बारिश हो रही है। मानसूनी बारिश से इन जिलों में भीषण गर्मी कहर से मुक्ति मिली है । जिससे तापमान में गिरावट में दर्ज हुई है। हालांकि सम्पूर्ण इलाके में लगातार नमीं वाली हवाएं चलने से उमस बनी हुई है ।
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार अगले तीन चार दिनों तक हरियाणा एनसीआर दिल्ली में लगातार मानसून गतिविधियां जारी रहने की संभावना है। इस लिए भारतीय मौसम विभाग ने सम्पूर्ण इलाके पर ऑरेंज अलर्ट जारी कर दिया है।
मौसम विशेषज्ञ डॉ चन्द्र मोहन ने बताया कि हरियाणा के ऊपर एक चक्रवातीय परिसंचरण बना हुआ है और निचले क्षोभ मंडल में पंजाब से मिजोरम तक एक ट्रफ रेखा बनी हुई है जिसके लगातार बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से प्रचुर मात्रा नमी मिल रही है जिसके प्रभाव से हरियाणा एनसीआर दिल्ली में आने वाले चार पांच दिनों में मानसून गतिविधियों ने बढ़ोतरी देखने को मिलेगी ।
भारतीय मौसम विभाग के अनुसार हरियाणा, चंडीगढ़ एवं दिल्ली में 01 और 02 जुलाई, 2024 को अलग-अलग स्थानों पर भारी (64.5-115.5 मिलीमीटर) से बहुत भारी वर्षा (115.5-204.4 मिलीमीटर) होने की प्रबल संभावना है,जबकि 03 जुलाई, 2024 को अलग-अलग स्थानों पर भारी (64.5-115.5 मिलीमीटर) से बहुत भारी वर्षा (115.5-204.4 मिलीमीटर) होने की संभावना है।
वहीं, मानसून की अक्षीय रेखा मॉनसून की उत्तरी सीमा अब 26°N/65°E, जैसलमेर, सिरसा, कुरूक्षेत्र, राजपुरा, लुधियाना और 31.2°N/74.5°E से होकर गुजरती है। आज हरियाणा के 90% से ज्यादा हिस्सा आज कवर कर दिया कल सम्पूर्ण हरियाणा एनसीआर दिल्ली के सम्पूर्ण इलाके को कबर कर लेंगी।जिससे 5 जुलाई तक हरियाणा के कई भागों में हल्की से मध्यम तो कुछ उत्तरी ज़िलों में मूसलाधार बारिश हो सकती हैं ।आज भारतीय मौसम विभाग ने जुलाई महीने के लिए लिए तापमान और वर्षा की इस प्रकार सम्भावना व्यक्त किया है
उत्तर-पश्चिम भारत और पश्चिम तट को छोडकर दक्षिण प्रायद्वीप भारत में अधिकतम तापमान सामान्य से लेकर सामान्य से नीचे रहने की संभावना है। मध्य भारत, पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत और पश्चिमी तट के साथ-साथ के कई हिस्सों में सामान्य से अधिक अधिकतम तापमान रहने की संभावना है।
देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से लेकर सामान्य से अधिक वर्षा होने की संभावना है केवल पूर्वोत्तर भारत के कई क्षेत्रों और उत्तर पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों, पूर्व और प्रायद्वीप भारत के कुछ इलाकों को छोड़कर, जहाँ सामान्य से नीचे वर्षा होने की संभावना है।