Monday, November 18, 2024
Homeहरियाणासीएसएसआरआई में मेगा किसान मेला : गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत बोले- पर्यावरण,...

सीएसएसआरआई में मेगा किसान मेला : गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत बोले- पर्यावरण, पानी, धरती बचाने के लिये करें प्राकृतिक खेती

Haryana News : गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने किसानों से आह्वान किया है कि वे पर्यावरण, पानी, धरती, देशी गाय और लोगों की सेहत बचाने के लिये प्राकृतिक खेती अपनाएं। भावी पीढ़ियों को बचाने के लिए जहर मुक्त खेती की ओर बढऩा समय की मांग है। इससे जमीन में ऑर्गेनिक कार्बन की मात्रा में इजाफा होता है। केमिकल युक्त खेती को छोड़ना होगा।

राज्यपाल आचार्य देवव्रत  करनाल में केंद्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान (सीएसएसआरआई) में आयोजित मेगा किसान मेला में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि आज खेती में रसायनों, यूरिया, कीटनाशक आदि को अत्यधिक प्रयोग किया जा रहा है। फल-सब्जियों, दूध आदि के जरिए इस मीठे जहर का असर लोगों की सेहत को चौपट कर रहा है।  उन्होंने कहा कि आज लोगों ने शरीर से पसीना निकालना छोड़ दिया है। हार्ट अटैक, मधुमेह, किडनी फेल, घुटना प्रत्यारोपण आदि के मामले बढ़ रहे हैं। यह चिंता की बात है, इसके कारणों के बारे में गंभीरता से सोचना होगा।

राज्यपाल ने कहा कि खेतों में पेड़-पौधों की संख्या नगण्य रह गई है। जंगलों में जीव-जंतु घट गये हैं। पर्यावरण असंतुलन के कारण कहीं तूफान आ रहे हैं तो कहीं सूखा पड़ा है। कहीं बाढ़ का प्रकोप है तो कहीं लू का। जलवायु परिवर्तन में 24 प्रतिशत योगदान रासायनिक खेती का है। उन्होंने बताया कि खेतों में यूरिया व डीएपी के खेतों में छिड़काव के समय जब ऑक्सीजन नाइट्रोजन के संपर्क में आती है तो नाइट्रस ऑक्साइड गैस पैदा होती है। यह कार्बन डाइआक्साइड से 312 गुणा ज्यादा खतरनाक है। हालांकि वातावरण संतुलन को बिगाड़ने में कार्बन डाइऑक्साइड को दोषी माना जाता है लेकिन नाइट्रस आक्साइड इससे सैंकड़ों गुणा ज्यादा खतरनाक है।

राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी प्राकृतिक खेती को जन आंदोलन बनाने का आह्वान किया है। इस खेती में न केवल पोषक तत्व भरपूर होते हैं बल्कि पैदावार भी पर्याप्त होती है। आर्गेनिक कार्बन को बढ़ाने में केंचुआ, मित्र कीट और सूक्ष्म जीवाणु मददगार हैं। आज जमीन का आर्गेनिक कार्बन 0.5 तक पहुंच चुका है जो गंभीर चिंता का विषय है। उन्होंने बताया कि देशी गाय को मूत्र प्राकृतिक खेती के लिये खनिज का भंडार है।  इस मौके पर राज्यपाल ने प्राकृतिक तरीके से हल्दी की पैदावार के लिये सविता और सब्जियां पैदा करने के लिये सुरेंद्र को सम्मानित किया। इस अवसर पर प्राकृतिक खेती संबंधी उत्पादों और कृषि के आधुनिक उपकरणों को प्रदर्शित करने के लिये करीब 30 स्टॉल लगाए गये थे।   इससे पूर्व सीएसएसआरआई के निदेशक डा. आरके यादव ने मृदा लवणता के बारे में विचार रखे। इनके अलावा एनडीआरआई करनाल के निदेशक डा. धीर सिंह, ज्ञान मानसरोवर अकादती थिराना(पानीपत)के निदेशक बीके भारत भूषण ने भी किसानों को संबोधित किया।

- Advertisment -
RELATED NEWS
- Advertisment -

Most Popular