Thursday, July 17, 2025
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लंबित मामलों के निपटारे के लिए ‘राष्ट्र के लिए मध्यस्थता’ अभियान शुरू

राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली ने मध्यस्थता एवं सुलह परियोजना समिति एवं भारत के सर्वोच्च न्यायालय के सहयोग से लंबित मामलों के निपटारे के लिए 90 दिवसीय मध्यस्थता अभियान ‘राष्ट्र के लिए मध्यस्थता’ शुरू किया गया है।

हरियाणा विधिक सेवा प्राधिकरण के एक प्रवक्ता ने बताया कि यह सौहार्दपूर्ण विवाद समाधान को बढ़ावा देने और न्यायालयों पर बोझ कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

उन्होंने बताया कि यह राष्ट्रव्यापी अभियान 1 जुलाई 2025 से शुरू हो चुका है जो कि 30 सितंबर तक 2025 तक चलेगा, जिसका उद्देश्य मध्यस्थता के माध्यम से बड़ी संख्या में लंबित मामलों का समाधान करना है।

उन्होंने बताया कि यह अग्रणी पहल देश भर के सभी तालुका न्यायालयों, जिला न्यायालयों और उच्च न्यायालयों में लागू की जाएगी। सर्वोच्च न्यायालय की मध्यस्थता और सुलह परियोजना समिति (एमसीपीसी) द्वारा संचालित इस अभियान का उद्देश्य वादकारियों को विवादों को निपटाने के लिए समय-कुशल, लागत-प्रभावी और शांतिपूर्ण तरीके के रूप में मध्यस्थता का विकल्प चुनने के लिए प्रोत्साहित करना है।

उन्होंने बताया कि इस अभियान को सभी उच्च न्यायालयों और राज्य विधिक सेवा प्राधिकरणों द्वारा सक्रिय रूप से समर्थन और समन्वय दिया जा रहा है, जो विभिन्न प्रकार की जागरूकता गतिविधियां चला रहे हैं, जिनमें पैम्फलेट का प्रकाशन, बैनरों का प्रदर्शन, जागरूकता अभियान का आयोजन और मुकदमेबाजी से पहले और लंबित मामलों को मध्यस्थता के लिए भेजने की सुविधा शामिल है।

उन्होंने बताया कि अधिक जानकारी और सहायता के लिए वादकारी निकटतम जिला विधिक सेवा प्राधिकरण/तालुका विधिक सेवा समिति से संपर्क कर सकते हैं या अपने संबंधित एडीआर केंद्रों/न्यायालय परिसरों में स्थित मध्यस्थता केंद्र पर जा सकते हैं। किसी भी प्रकार की कानूनी सहायता के लिए वादकारी नालसा हेल्पलाइन नंबर 15100 पर भी काल कर सकते हैं।

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