रोहतक : महार्षि दयानंद विश्वविद्यालय (एमडीयू), रोहतक ने एक बार फिर वैश्विक स्तर पर अपनी छाप छोड़ी है। स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी, अमेरिका द्वारा जारी एवं Elsevier BV में प्रकाशित प्रतिष्ठित सूची में एमडीयू के 15 प्राध्यापकों और 7 विद्यार्थियों को दुनिया के शीर्ष 2 प्रतिशत वैज्ञानिकों में स्थान मिला है। यह सूची 19 सितम्बर 2025 को जारी हुई थी। यह उपलब्धि एमडीयू की शोध और नवाचार के क्षेत्र में बढ़ती साख का प्रमाण है।
कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने इस सफलता पर विश्वविद्यालय परिवार को बधाई दी। उन्होंने कहा कि एमडीयू का शोध पारिस्थितिकी तंत्र लगातार मजबूत हो रहा है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाता जा रहा है। उन्होंने कहा— “हमने गुणवत्तापूर्ण शोध, अंतर्विषयक सहयोग और वैश्विक मानकों पर विशेष ध्यान दिया है। यह उपलब्धियां शिक्षकों और विद्यार्थियों दोनों को नई ऊंचाइयों तक पहुंचने की प्रेरणा देती हैं।” रजिस्ट्रार डॉ. के.के. गुप्ता और डीन अकादमिक अफेयर्स प्रो. एस.सी. मलिक ने भी इस गौरवशाली क्षण पर प्राध्यापकों और छात्रों को शुभकामनाएं दीं।
इस वर्ष चार प्रख्यात प्राध्यापकों को उनके संपूर्ण शैक्षणिक करियर और 2024 में उत्कृष्ट योगदान के लिए विशेष रूप से दोनों श्रेणियों में मान्यता मिली है— प्रो. सी.एस. पुंडीर (बायोकेमिस्ट्री, सेवानिवृत्त), प्रो. नरसिम्हन बी. (फार्मास्यूटिकल साइंसेज), डॉ. सर्वजीत सिंह गिल (बायोटेक्नोलॉजी) और डॉ. बिजेंद्र सिंह (माइक्रोबायोलॉजी)। इनके अतिरिक्त 11 अन्य प्राध्यापक और 7 विद्यार्थी भी 2024 में उल्लेखनीय शोध कार्य के लिए शामिल किए गए।
मान्यता प्राप्त प्राध्यापकों में डॉ. नवीन कुमार (केमिस्ट्री), डॉ. वीनीत कुमार सिंगला (यूआईईटी), डॉ. कृष्णकांत शर्मा (माइक्रोबायोलॉजी), डॉ. नर सिंह चौहान (बायोकेमिस्ट्री), डॉ. देवेंद्र सिंह (केमिस्ट्री), डॉ. हरीश दुरेजा (फार्मास्यूटिकल साइंसेज), डॉ. रामफूल ओहलान (आईएमएसएआर), डॉ. राजेश पुनिया (फिजिक्स), डॉ. दीपक छाबड़ा (यूआईईटी), डॉ. अनिल ओहलान (फिजिक्स) और डॉ. जया प्रकाश यादव (जेनेटिक्स) शामिल हैं। वहीं विद्यार्थियों में प्रियंका, अंजू हुड्डा, कपीशा नेहरा, अनुज दलाल, ईशा गुप्ता (केमिस्ट्री), विकास कुमार (मैकेनिकल इंजीनियरिंग एंड ट्रांसपोर्ट) और मुकेश सुरेश योगेंद्र कुमार (अप्लाइड फिजिक्स) को यह सम्मान मिला है।