चंडीगढ़। रोहतक नगर निगम के भाजपा के मेयर मनमोहन गोयल और राज्यसभा सांसद रामचंद्र जांगड़ा भी बुढ़ापा पेंशन के हकदार हैं। परिवार पहचान-पत्र (पीपीपी) में इन दोनों के परिवार की सालाना आय 1 लाख 80 हजार रुपये दर्शाई गई है। कांग्रेस विधायक भारत भूषण बतरा, गीता भुक्कल व वरुण चौधरी ने अंडर रूल-84 के तहत दिए गए प्रस्ताव के तहत यह मुद्दा उठाया।
हालांकि स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया था लेकिन प्वाइंट ऑफ आर्डर का इस्तेमाल करते हुए बतरा ने इस मुद्दे को सदन में उठाया और सरकार को घेरा। वे यह साबित करने में कामयाब रहे कि परिवार पहचान पत्र अथॉरिटी ने सदन में टेबल किए बिना ही पीपीपी के नियम नोटिफाई करके उन्हें लागू कर दिया है। सीएम मनोहर लाल ने स्वीकार किया कि सदन में नियम टेबल नहीं हुए हैं।
बाद में उन्होंने कहा, मानसून सत्र के दौरान ही नियमों को टेबल किया जाएगा। बतरा ने कहा, रूल्स नोटिफाई होने से पहले उन पर सदन में चर्चा होनी चाहिए। बतरा ने जब रामचंद्र जांगड़ा और मनमोहन गोयल के लिए पेंशन की सिफारिश करने का मुद्दा उठाया तो सीएम ने कहा, कांग्रेस राज में रोहतक के ही 50 ऐसे लोगों की लिस्ट थी, जिनके पास कोठियां व गाड़ियां थी, लेकिन उन्हें बीपीएल में शामिल किया हुआ था। मौजूदा सरकार ने पीपीपी के जरिये सवा 12 लाख नये बीपीएल कार्ड बनाए हैं।
इस पर पलटवार करते हुए पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा, पुरानी बातों का कोई औचित्य नहीं है। पीपीपी को ‘परमानेंट परेशानी पत्र’ बताते हुए कहा, मैं मनमोहन गोयल को अच्छे से जानता हूं। वे करोड़पति हैं। वे कभी भी बुढ़ापा पेंशन के लिए अप्लाई नहीं कर सकते। ना ही, रामचंद्र जांगड़ा ने ऐसा किया होगा। यह गड़बड़ परिवार पहचान-पत्र की है। इस वजह से लोगों की परेशानी बढ़ी हुई है।
हुड्डा ने कहा, सरकार ने पोर्टल-पोर्टल लगा रखी है। अधिकारियों की ओर इशारा करते हुए कहा, ये कब तक पोर्टल पर करते रहेंगे। पूर्व सीएम ने कहा, एक पोर्टल ऐसा बना दो, जो सभी पोर्टल पर आने वाली समस्याओं के लिए हो। सभी पोर्टलों में गड़बड़ियां मिल रही हैं। लोग उन्हें ठीक करवाने के लिए दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं। सीएम पर सवाल दागते हुए हुड्डा ने कहा, जिस एजेंसी की वजह से ये गलतियां हो रही हैं, उस पर क्या कार्रवाई की है। वहीं किरण चौधरी ने कहा, सरकार को तुरंत सभी पोर्टल बंद कर देने चाहिए।