नई दिल्ली : वस्तु एवं सेवा कर खुफिया महानिदेशालय (डीजीजीआई) ने ऑफशोर ऑनलाइन गेमिंग संस्थाओं के खिलाफ अपनी कार्रवाई तेज की है। 357 वेबसाइट्स को ब्लॉक कर दिया है और लगभग 2,400 बैंक खातों को अटैच कर लिया है और लगभग 126 करोड़ रुपये फ्रीज किए है। ऑनलाइन मनी गेमिंग उद्योग में घरेलू और विदेशी दोनों ऑपरेटर शामिल हैं।
वित्त मंत्रालय द्वारा दी जानकारी के अनुसार; ऑनलाइन मनी गेमिंग/ सट्टेबाजी/ जुआ की आपूर्ति में शामिल लगभग 700 ऑफशोर संस्थाएं डीजीजीआई की जांच के दायरे में हैं। यह देखा गया है कि ये संस्थाएं पंजीकरण न करवाकर, कर योग्य भुगतानों को छिपाकर और कर दायित्वों को दरकिनार करके जीएसटी की चोरी कर रही हैं। अब तक, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) के समन्वय में, आईटी अधिनियम, 2000 की धारा 69 के अंतर्गत डीजीजीआई की ओर से अवैध/ गैर-अनुपालन वाली ऑफशोर ऑनलाइन मनी गेमिंग संस्थाओं की 357 वेबसाइट/ यूआरएल को ब्लॉक किया गया है।
हाल ही में कुछ अवैध गेमिंग प्लेटफॉर्म के खिलाफ एक अभियान में, डीजीजीआई ने आई4सी और नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) के साथ मिलकर प्रतिभागियों से पैसे इकट्ठा करने के लिए इस्तेमाल किए जा रहे बैंक खातों को लक्षित किया और रोक दिया, लगभग 2,000 बैंक खाते और 4 करोड़ रुपये जब्त किए। एक अन्य कार्रवाई में, इनमें से कुछ ऑफशोर संस्थाओं की वेबसाइटों पर पाए गए यूपीआई आईडी से जुड़े 392 बैंक खातों को डेबिट फ्रीज कर दिया गया है और इन खातों में कुल 122.05 करोड़ रुपये की रकम अस्थायी रूप से जब्त की गई है।
डीजीजीआई ने कुछ भारतीय नागरिकों के खिलाफ एक और अभियान चलाया, जो भारत के बाहर से ऑनलाइन मनी गेमिंग प्लेटफॉर्म चला रहे थे। इससे पता चला, कि ये लोग सतगुरु ऑनलाइन मनी गेमिंग प्लेटफॉर्म, महाकाल ऑनलाइन मनी गेमिंग प्लेटफॉर्म और अभी 247 ऑनलाइन मनी गेमिंग प्लेटफॉर्म सहित कई ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से भारतीय ग्राहकों को ऑनलाइन मनी गेमिंग की सुविधा दे रहे थे और भारतीय ग्राहकों से पैसे इकट्ठा करने के लिए म्यूल बैंक खातों का इस्तेमाल कर रहे थे। डीजीजीआई ने अब तक इन प्लेटफॉर्म से जुड़े 166 म्यूल खातों को ब्लॉक कर दिया है। अब तक ऐसे तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है और ऐसे ही अन्य लोगों के खिलाफ जांच जारी है।