रोहतक। महम-हांसी रेलमार्ग का निर्माण बारिश के कारण पिछड़ गया है। इससे रेलवे सेफ्टी का सोमवार को ट्रायल स्थगित कर दिया गया है। फिलहाल नवनिर्मित ट्रैक पर पत्थर डालने के काम में तेजी लाई गई है। साथ ही मालगाड़ी की संख्या में पहले से अपेक्षा बढ़ोत्तरी की गई है। इसके पीछे मुख्य कारण ट्रैक की मजबूती को परखना है।
70 किमी. लंबे महम हांसी रेलमार्ग को बनाने का काम पिछले 3 साल से चल रहा है। फिलहाल यह अंतिम चरण में पहुंच गया है। करीब 4 किमी. की दूरी में ट्रैक बिछाने का काम बाकी रह गया है। इसमें बारिश के कारण पिछले 11 दिनों में एक किमी. ही रेलमार्ग बिछाया जा सकता है। क्योंकि बारिश के कारण पूरे समय काम नहीं हो पाया है। इसमें लेबर भी काम करने में आनाकानी करती रही है। जिससे कमिश्नर और रेलवे सेफ्टी का 31 जुलाई को होने वाला ट्रायल फिलहाल स्थगित कर दिया गया है।
इसके लिए अभी तक टीम के आने का मैसेज नहीं दिया गया है। फिलहाल मौसम साफ होने पर निर्माण में तेजी आई है। गढ़ी के आसपास में 10 किमी. की दूरी तक ट्रैक पर पत्थर डालने का काम तेज किया गया है। अफसरों की तरफ से बचे हुए रेलमार्ग को अगले 8 से 10 दिनों के भीतर बनाकर अगस्त माह में यात्री ट्रेन चलाने का दावा किया है। हांसी तक पूरा ट्रैक बनकर तैयार होने पर रेलवे सेफ्टी की टीम ट्रैक का ट्रायल लेकर इस पर यात्री ट्रेन चलाने की अनुमति देगी।
ट्रैक की मजबूती को परखने का काम तेज कर दिया गया है। इसमें पहले दिन में 1-2 मालगाड़ी पहुंच रही थी। लेकिन अब इस पर प्रतिदिन 3-4 मालगाड़ी लाई जा रही हैं। इसमें गढ़ी तक माल लगाने का काम किया जा रहा है। दो बार दूसरे मार्गों पर जाने वाली मालगाड़ी को भी नवनिर्मित ट्रैक पर चलाने के बाद भेजा जा रहा है। रेलवे की मंशा इस 70 किमी. लंबे रेलमार्ग पर 2 जगह मालगाड़ी की साइडिंग बनाने की है। जिससे आसपास के क्षेत्रों में सामान की ढुलाई की जा सकेगी।
नॉर्दन रेलवे जनसंपर्क अधिकारी दीपक कुमार ने कहा कि बारिश के कारण कार्य थोड़ा धीमा हुआ है। इसलिए अभी ट्रायल पूरा होने में समय लग सकता है। जल्द ही ट्रैक का निर्माण करके इस पर यात्री ट्रेन चलाई जाएंगी।