Saturday, April 19, 2025
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Magh Purnima Snan : महाकुम्भ में माघ पूर्णिमा स्नान के लिए उमड़ा आस्था का जनसमुद्र, श्रद्धालुओं पर हुई पुष्पवर्षा, जयकारों से गूंजा तीर्थराज

Magh Purnima Snan : महाकुम्भ के पावन स्नान पर्व माघ पूर्णिमा के लिए देश विदेश के श्रद्धालु मंगलवार की रात से ही महाकुम्भनगर पहुंचने लगे। श्रद्धालुओं के इतने बड़े जनसमुद्र के संगम तक पहुंचने और पवित्र स्नान के बाद उनकी सुरक्षित वापसी के लिए मंगलवार रात से ही मेला क्षेत्र में बड़े बड़े वैरिएबल मैसेजिंग डिस्प्ले (वीएमडी) पर जरूरी संदेश दिए जाने लगे। जिससे श्रद्धालुओं को स्नान में बड़ी सहूलियत हुई।

सीएम योगी आदित्यनाथ के विशेष निर्देश पर महाकुम्भनगर प्रशासन ने देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए पूरे मेला क्षेत्र में व्यापक इंतजाम किए थे, ताकि उन्हें किसी प्रकार की असुविधा न होने पाए। इसके अलावा स्नान के बाद घाटों पर अधिक समय न बिताकर शीघ्र गंतव्य की ओर बढ़ने की लोगों से बराबर अपील भी की जाती रही। जिससे श्रद्धालुओं को माघ पूर्णिमा के स्नान के लिए बड़ी सुविधा मिली।

घाटों पर रात से ही दी जाने लगी लगातार महत्वपूर्ण सूचनाएं, दिशा-निर्देश

गंगा, यमुना और सरस्वती के पवित्र संगम में आस्था की डुबकी लगाने के लिए प्रतिदिन लाखों श्रद्धालु उमड़ रहे हैं। माघ पूर्णिमा का पुण्यकाल 11 फरवरी की शाम 6:55 बजे से शुरू होकर 12 फरवरी की शाम 7:22 बजे तक है। इस महाआयोजन को सुरक्षित और सुव्यवस्थित बनाने के लिए मेला प्रशासन ने सख्त इंतजाम किए। घाटों पर भीड़ नियंत्रण से लेकर डिजिटल सूचना प्रणाली से श्रद्धालुओं को आवश्यक सूचनाएं प्रेषित की जाती रहीं। मेला प्रशासन ने जगह जगह बड़े बड़े वैरिएबल मैसेजिंग डिस्प्ले लगाकर श्रद्धालुओं से अपील की कि वे स्नान के बाद घाटों पर अधिक समय न बिताएं और शीघ्र अपने गंतव्य की ओर बढ़ें। इससे भीड़ नियंत्रण में काफी मदद मिली और सभी को सुगमता से स्नान का लाभ हुआ। वैरिएबल मैसेजिंग डिस्प्ले पर मंगलवार की रात से ही लगातार महत्वपूर्ण सूचनाएं, दिशा-निर्देश और सुरक्षा संबंधी अलर्ट प्रदर्शित किए जाते रहे।

श्रद्धालुओं पर पुष्पा वर्षा ।
श्रद्धालुओं पर पुष्पा वर्षा ।

हेलीकॉप्टर से श्रद्धालुओं फूलों की बारिश

हेलीकॉप्टर से सभी घाटों पर स्नान कर रहे श्रद्धालुओं, साधु संतों और कल्पवासियों पर फूलों की बारिश की गई। पुष्प वर्षा की शुरुआत सुबह 8 बजे से ही हो गई, जब बड़ी संख्या में श्रद्धालु विभिन्न तटों पर स्नान कर रहे थे। गुलाब की पंखुड़ियों की बारिश देख संगम तट पर मौजूद संतों और श्रद्धालुओं ने अभिभूत होकर जय श्री राम और हर हर महादेव के नारे लगाए।

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