Tuesday, April 15, 2025
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देश का पहला टीबी मुक्त जिला बनेगा कुरुक्षेत्र, स्वास्थ्य विभाग द्वारा तैयार किया गया रोड मैप

कुरुक्षेत्र  : उपायुक्त नेहा सिंह ने कहा कि प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के अथक प्रयासों से कुरुक्षेत्र देश का पहला टीबी मुक्त जिला बनेगा। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए अब तक कुरुक्षेत्र के 136 गांवों को टीबी मुक्त बनाया जा चुका है और शेष 267 गांव को टीबी मुक्त बनाने के लिए रोड मैप तैयार कर लिया गया है। इन गांव में लोगों के स्वास्थ्य की स्क्रीनिंग करने का काम जल्द शुरू कर दिया जाएगा। इस लक्ष्य को हासिल करने में ग्राम पंचायत की भूमिका अहम रहेगी।

उपायुक्त नेहा सिंह मंगलवार को लघु सचिवालय के सभागार में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन हरियाणा की तरफ से एक कदम टीबी भारत की ओर टीबी मुक्त पंचायत सम्मान समारोह व टीबी फोरम की बैठक में बोल रही थी। इससे पहले सीएमओ डा. सुखबीर सिंह व डिप्टी सीएमओ डा. संदीप अग्रवाल ने पावर प्रेजेंटेशन के जरिए कुरुक्षेत्र टीबी मुक्त अभियान के बारे में आंकड़ों सहित रिपोर्ट प्रस्तुत की और वर्ष 2025 में कुरुक्षेत्र को देश का पहला टीबी मुक्त जिला बनाने के रोड मैप को प्रस्तुत किया। उपायुक्त ने कहा कि वर्ष 2023 में 33 ग्राम पंचायतें और वर्ष 2024 में 136 गाम पंचायतें टीबी मुक्त पंचायतें हुई हैं। इनमें 25 पंचायतें दूसरी बार टीबी मुक्त की श्रेणी में शामिल हुईं हैंं। प्रत्येक पंचायत में 1000 की आबादी पर 30 लोगों के सैंपल लिए गए। गांव की आबादी के हिसाब से प्रति हजार पर एक मरीज से कम की संख्या वाली पंचायत को टीबी मुक्त घोषित किया जाता है। उन्होंने बताया कि जिला में करीब 6 टीबी यूनिट,14 डीएमसी यूनिट काम कर रही है जिसमें आदेश मेडिकल कॉलेज भी शामिल है।

उपायुक्त ने बताया कि टीबी की बीमारी का इलाज संभव है। इसके लिए खंड पंचायत एवं विकास अधिकारी अपने-अपने क्षेत्र की पंचायतों में मुखिया को जागरूक करे। जो गांव में किसी भी व्यक्ति के अंदर टीबी के बीमारी के लक्षण दिखाई देने पर स्वास्थ्य विभाग की टीम से सैम्पल करवाएं। खंड शिक्षा अधिकारी सभी स्कूलों में बच्चों को बीमारियों के लक्षण से अवगत करवाएं ताकि वे खुद को और अपने परिवार को जागरूक कर सके। उन्होंने पंचायत प्रतिनिधियों से अपील की कि वे टीबी के मरीजों को फूड बास्केट किट देने के लिए अडॉप्ट करे। इन सभी प्रयासों से टीबी की बीमारी पर संभवत काबू पाया जा सकता है।

इस मौके पर सिविल सर्जन डा. सुखबीर सिंह, पीएमओ डा. सारा अग्रवाल, जिला टीबी एवं अक्षय रोग अधिकारी डा. संदीप अग्रवाल सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।

इन 24 पंचायतों को किया सम्मानित

उपायुक्त नेहा सिंह ने दूसरे साल में लगातार दूसरी बार टीबी मुक्त की श्रेणी सिल्वर ट्रॉफी के साथ सम्मानित किया गया। इनमें गांव खानपुर रोडान, खिजरपुरा, रॉवगढ़, मुंडाखेडा, डेरुमाजरा, शादीपुर, दीरपुर, मंदरनपुर, टूकर, तंगौली, मुकीमपुरा, बुड्डा, जुलमत, नानकपुरा, चम्मू कलां, फतेहगढ चम्मू, सैनी माजरा, रायपुर, मलिकपुर, छोडपुर, भालड, खरकाली, पटामाजरा, जोगी माजरा की ग्राम पंचायतें शामिल हैं।

समय पर इलाज से टीबी का नियंत्रण संभव

जिला टीबी एवं अक्षय रोग अधिकारी डा. संदीप अग्रवाल ने बताया कि टीबी एक गंभीर बीमारी है जो व्यक्ति की उम्र, स्वास्थ्य और रोग की गंभीरता पर निर्भर करती है। टीबी का सबसे आम लक्षण 2 सप्ताह से ज्यादा खांसी रहना है। इसके अलावा बुखार आना, मरीज का वजन कम होना, थकान और कमजोरी महसूस होना, सोते समय पसीना आना, सांस लेने में कठिनाई महसूस करना और छाती में दर्द रहना शामिल है। इस तरह के किसी भी लक्षण के नजर आने पर उनको नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। ऐसा होने पर तुरंत डॉक्टर से सम्पर्क करे, शीघ्र इलाज होने पर टीबी बीमारी का नियंत्रण संभव है। उन्होंने कहा कि एक टीबी का मरीज एक साल में अपने आस-पास सम्पर्क में आने वाले 30 लोगों को संक्रमित करता है, इसलिए टीबी की बीमारी को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।

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