Sunday, February 23, 2025
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केयू का दीक्षांत समारोह : 2000 विद्यार्थियों को डिग्री तथा 130 पीएचडी धारकों को देकर किया सम्मानित

Kurukshetra News : हरियाणा के राज्यपाल और कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलाधिपति बंडारू दत्तात्रेय ने मंगलवार को केयू के 34वें दीक्षांत समारोह में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को सामाजिक व राजनीतिक क्षेत्र में उनके विशिष्ट योगदान के लिए डॉक्टर ऑफ लिटरेचर की मानद उपाधि से अलंकृत किया। साथ ही, विज्ञान के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले और अंतरिक्ष में भारत का गौरव बढ़ाने वाले इसरो के पूर्व अध्यक्ष डॉ. एस. सोमनाथ को भी विश्वविद्यालय द्वारा मानद उपाधि और गोयल पीस प्राइज से सम्मानित किया गया। वहीं इस दीक्षांत समारोह में लगभग 2000 विद्यार्थियों को डिग्री तथा 130 पंजीकृत पीएचडी धारकों को पीएचडी की उपाधि तथा 91 पंजीकृत विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल तथा मेरिट सर्टिफिकेट प्रदान किए गए।

हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने पीएचडी, पीजी, यूजी की डिग्री लेने वाले और गोल्ड मेडल हासिल करने वाले विद्यार्थियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इन विद्यार्थियों में देश के उज्जवल भविष्य को देखा जा सकता है। इस  दीक्षांत समारोह के बाद सभी विद्यार्थियों की जिंदगी में एक नई यात्रा की शुरुआत होगी। इस यात्रा से अभिभावकों, गुरुजनों को काफी अपेक्षाएं रहेंगी। कोई विद्यार्थी नौकरी की तलाश में होगा और कोई अपने व्यवसाय की तरफ आगे बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों की प्रतिभा को देखकर नजर आ रहा है कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से डिग्री लेने के बाद अधिकतर विद्यार्थी नौकरी हासिल करने वाले नहीं अपितु नौकरी देने वाले संस्थान के रूप में मुकाम हासिल करेंगे।

इस नई राह में अनेक चुनौतियां सामने आएंगी

उन्होंने कहा कि इस नई राह में अनेक चुनौतियां सामने आएंगी। सभी विद्यार्थियों को इन चुनौतियां का सामना करना है और अपनी मंजिल को हासिल करना है। इस मंजिल को हासिल करने के लिए विद्यार्थियों को मेहनत, ईमानदारी  के साथ आगे बढऩा होगा। राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयासों से देश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 लागू कर दी गई है। इस शिक्षा नीति से देश में बड़ा परिवर्तन होने वाला है। इससे नवाचार, तकनीकी, शोध, शिक्षा, संस्कार, नैतिक मूल्य से युवा पीढ़ी को एक नया मार्ग दर्शन मिलेगा। जब सभी विद्यार्थी नई सोच के साथ आगे बढ़ेंगे तो निश्चित ही वर्ष 2047 तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सपनों का विकसित भारत बनेगा।

राज्यपाल ने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय को ए-प्लस-प्लस ग्रेड व एनआईआरएफ की 41वीं रैंकिंग मिलने पर बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन, शिक्षकों और कर्मचारियों की मेहनत के कारण विश्वविद्यालय उन्नति की राह पर तेज गति के साथ आगे बढ़ रहा है। यह विश्वविद्यालय प्रदेश का सबसे प्राचीन विश्वविद्यालय है इसलिए विद्यार्थियों को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से मिली शिक्षा और संस्कारों का हमेशा जहन में रखना होगा।

भारत पुन: विश्व गुरु बनने की राह पर अग्रसर: शिक्षा मंत्री महीपाल ढांडा

शिक्षा मंत्री महीपाल ढांडा ने कहा कि इस दीक्षांत समारोह से डिग्री हासिल करने उपरांत युवा अपने सामाजिक जीवन में प्रवेश करके जिंदगी का लक्ष्य निर्धारित करके आगे बढ़ें। उन्होंने कहा कि आज हमारे सामने भारत को दुनिया का सबसे ताकतवर देश बनाने की चुनौती है और इस चुनौती से निपटने के लिए युवाओं को संकल्प लेना होगा और संकल्प को सिद्धि तक पहुंचाना होगा। हर भारतीय का यही संकल्प है कि वर्ष 2047 तक हम भारत को दुनिया का सबसे ताकतवर देश बनाएं, भारत पुनः: विश्व गुरु बनने की राह पर अग्रसर हो।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में गुवतापरक शिक्षा प्रदान करने पर लगातार जोर दिया जा रहा है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति को प्रदेश में 2025 तक लागू करने का हमारा संकल्प है। इस दिशा में सभी शिक्षण संस्थानों ने रोडमैप तैयार कर लिया है।

विश्वविद्यालय में 23 नए शैक्षणिक प्रोग्राम शुरू किए गए हैं

कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने 34 वें दीक्षांत समारोह में मेहमानों का स्वागत करते हुए कहा कि इस दीक्षांत समारोह में लगभग 2000 विद्यार्थियों को डिग्री तथा 130 पंजीकृत पीएचडी धारकों को पीएचडी की उपाधि तथा 91 पंजीकृत विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल तथा मेरिट सर्टिफिकेट प्रदान किए गए हैं। इसके अलावा मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी व इसरो के पूर्व अध्यक्ष डॉ. सोमनाथ एस को मानद उपाधि देकर सम्मानित किया गया है।

इस विश्वविद्यालय ने देश में सबसे पहले राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को लागू किया है। इस विश्वविद्यालय में 23 नए शैक्षणिक प्रोग्राम शुरू किए गए हैं, 63 पेटेंट हासिल किए हैं, 2 इंक्यूबेशन सेंटर बनाए गए हैं। इस विश्वविद्यालय ने 1150 विश्वविद्यालयों में खेलों के क्षेत्र में तीसरा स्थान हासिल किया, सांस्कृतिक गतिविधियों में देश में तीसरा स्थान हासिल किया और सरकारी विश्वविद्यालयों में प्रथम स्थान पर है।

इस अवसर पर उपायुक्त नेहा सिंह, पुलिस अधीक्षक वरुण सिंगला, आयुष विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. करतार सिंह धीमान, संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. रमेश भारद्वाज, बागवानी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. रमेश कुमार मल्होत्रा, डीन एकेडमिक अफेयर्स प्रो. दिनेश कुमार, डीन आफ कालेजिज प्रो. ब्रजेश साहनी, छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. एआर चौधरी, लोक सम्पर्क विभाग के निदेशक प्रो. महासिंह पूनिया, परीक्षा नियंत्रक डॉ. अंकेश्वर प्रकाश सहित विश्वविद्यालय के डीन, डायरेक्टर, चैयरपर्सन, शिक्षक, कर्मचारी एवं विद्यार्थी मौजूद थे।

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