Sheetala Ashtami: होली के बाद शीतला अष्टमी का त्योहार मनाया जाता है. ये दिन शीतला माता को समर्पित होता है. इस दिन व्रत रखने और माता शीतला की पूजा करने से संक्रमण से बचाव होता है. स्थानीय भाषा में शीतला अष्टमी को बासौड़ा, बूढ़ा बसौड़ा या बसियौरा नामों से भी जाना जाता है.
कब है शीतला अष्टमी (Sheetala Ashtami)
इस साल 22 मार्च 2025 को शीतला अष्टमी का पर्व मनाया जाएगा. इस दिन पूजा का मुहूर्त सुबह 6.21 मिनट से शुरू होकर शाम 6.32 मिनट पर समाप्त होता है. उत्तर भारतीय राज्यों जैसे गुजरात, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में शीतला अष्टमी काफी लोकप्रिय है. मान्यता है कि शीतला अष्टमी का व्रत रखने और पूजा करने से शीतला चेचक, खसरा जैसे रोगों से शीतला माता रक्षा करती है.
शुभ समय
ब्रह्म मुहूर्त – प्रातः 04 बजकर से 48 मिनट से 05 बजकर 35 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त – शाम 06 बजकर 32 मिनट से शाम 06 बजकर 56 मिनट तक
निशिता मुहूर्त – रात्रि 12 बजकर 07 मिनट से देर रात 12 बजकर 56 मिनट तक
अभिजीत मुहूर्त – रात 12 बजकर 04 मिनट से 12 बजकर 52 मिनट तक
बासी खाना खाने का महत्व
शीतला अष्टमी के दिन बासी खाना खाने का महत्व होता है. इस दिन घरों में भोजन बनाने के लिए चूल्हा नहीं जलाया जाता है. इसलिए एक दिन पहले ही खाना बनाया जाता है और शीतला अष्टमी के दिन इसी खाने को लोग खाते हैं. माता शीतला की पूजा में गर्म चीजे खाने और पूजा में शामिल करने पर मनाही होती है.