हरियाणा के मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने बुधवार को विपणन सीजन 2025-26 के लिए खरीफ दलहन और तिलहन खरीद की तैयारियों एवं उत्पादन की समीक्षा की।
राज्य सरकार द्वारा 100 से अधिक मंडियों में खरीद का शेड्यूल तय किया गया है और फसलवार मंडियों को नामित किया गया है।
निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार, मूंग की खरीद 23 सितम्बर से 15 नवम्बर तक 38 मंडियों में की जाएगी। अरहर की खरीद दिसंबर में 22 मंडियों और उड़द की खरीद 10 मंडियों में होगी। मूंगफली की खरीद 1 नवम्बर से 31 दिसम्बर तक 7 मंडियों में होगी, जबकि तिल की खरीद दिसंबर में 27 मंडियों में की जाएगी। सोयाबीन और रामतिल या काला तिल की खरीद अक्टूबर-नवम्बर में क्रमशः 7 और 2 मंडियों में होगी।
समीक्षा बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि किसानों को खरीद प्रक्रिया में किसी भी तरह की असुविधा नहीं होनी चाहिए। उन्होंने समय पर खरीद पर बल देते हुए कहा कि मंडियों में पर्याप्त भंडारण सुविधाएं और बोरियों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के प्रधान सचिव पंकज अग्रवाल ने बताया कि मूंग का क्षेत्रफल 2024-25 के 1.09 लाख एकड़ से बढ़कर 2025-26 में 1.47 लाख एकड़ हो गया है। पैदावार भी 300 किलोग्राम प्रति एकड़ से बढ़कर 400 किलोग्राम प्रति एकड़ तक पहुंच गई है। इसके परिणामस्वरूप मूंग का उत्पादन 32,715 मीट्रिक टन से बढ़कर 58,717 मीट्रिक टन तक होने का अनुमान है। अरहर एवं उड़द में भी क्षेत्रफल और उत्पादकता दोनों में सुधार हुआ है। वहीं तिल की खेती 800 एकड़ से बढ़कर 2,116 एकड़ तक पहुंच गई है और उत्पादन लगभग 446 मीट्रिक टन तक पहुंचने की संभावना है।
बैठक में सहकारिता विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव विजयेंद्र कुमार, खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के प्रधान सचिव डी. सुरेश, कृषि निदेशक राजनारायण कौशिक तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।